Jharkhand government:
रांची। झारखंड में चर्चित शराब घोटाले और जमीन घोटाले के मामलों में फंसे कई अधिकारियों को राहत मिल गई है। राज्य सरकार ने निलंबित किए गए झारखंड राज्य बीवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (JSBCL) के पूर्व महाप्रबंधक (वित्त) सुधीर कुमार और सुधीर कुमार दास को निलंबन से मुक्त कर दिया है। दोनों अधिकारियों को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने 21 मई 2025 को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद सरकार ने उन्हें 28 मई को निलंबित किया था।
करीब तीन महीने जेल में रहने के बाद दोनों अधिकारियों ने 21 अगस्त 2025 को फिर से पदभार ग्रहण किया था। अब 17 अक्टूबर को कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग ने उन्हें निलंबन से मुक्त करने का आदेश जारी किया। हालांकि आदेश में निलंबन समाप्त करने का स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है।
राज्य सरकार ने आरोप मुक्त किया
इसी बीच, मेदिनीनगर के तत्कालीन अंचलाधिकारी शिवशंकर पांडेय को भी राज्य सरकार ने आरोप मुक्त कर दिया है। उन पर 2020 में गलत तरीके से जमीन की एलपीसी (Land Possession Certificate) जारी करने का आरोप था। पलामू के डीसी की अनुशंसा पर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू हुई थी, लेकिन जांच में आरोप सिद्ध नहीं हो पाए। 17 अक्टूबर 2025 को उन्हें भी निलंबन और आरोपों से मुक्त कर दिया गया।इस मामले में शराब घोटाले के अन्य आरोपी तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे अभी भी जेल में हैं। उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है, लेकिन हजारीबाग के वन भूमि घोटाले में गिरफ्तारी के चलते वे बाहर नहीं आ सके हैं।
राज्य सरकार ने अधिकारियों को निलंबन से मुक्त करने का निर्णय उनके पिछले सेवा रिकॉर्ड और जांच रिपोर्टों के आधार पर लिया है। इससे साफ संकेत मिलता है कि दोष सिद्ध न होने पर अधिकारियों को दंडित नहीं किया जाएगा।
इसे भी पढ़ें
सरकारी नौकरी: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में मेडिकल कंसल्टेंट की भर्ती, सैलरी 1000 रुपए प्रति