झारखंड में हवाई अड्डों का विस्तार
झारखंड
झारखंड एक ऐसा राज्य है जो अपने समृद्ध खनिज संसाधनों, विविध आदिवासी संस्कृति और हरे-भरे परिदृश्यों के लिए जाना जाता है।
झारखंड अपनी जीवंत आदिवासी संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें विभिन्न स्वदेशी समुदायों की एक महत्वपूर्ण आबादी है।
राज्य कई आदिवासी त्योहारों का आयोजन करता है, जो पारंपरिक नृत्य, संगीत और कला का प्रदर्शन करते हैं, जिससे इसकी विविध सांस्कृतिक विरासत की झलक मिलती है।
इसके अतिरिक्त, झारखंड में सुरम्य परिदृश्य, घने जंगल और वन्यजीव अभयारण्य हैं, जो इसे प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाते हैं।
झारखंड में एयरपोर्ट
झारखंड की नैसर्दिक सुंदरता को निहराने के लिए पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इतना ही नहीं, अलग राज्य बनने के बाद यहां विमान यात्रियों की संख्या भी बढ़ी है।
राज्य की स्थापना के पहले से ही राजधानी रांची में एक एयरपोर्ट मौजूद है जो अब काफी व्यस्त रहता है।
यहां से 27-30 फ्लाइट नियमित उड़ान भरते हैं। यह राज्य का सबसे बड़ा एयरपोर्ट है। राज्य अलग होने के बाद इस एयरपोर्ट का नामकरण भगवान बिरसा मुंडा एयरपोर्ट किया गया है।
यहां से देश के लगभग सभी प्रमुख शहरों के लिए फ्लाइट उपलब्ध है। एक साल पहले राज्य में बढ़ते यात्रियों की संख्या और लोगों की जरूरतों को देखते हुए देवघर में भी एक अत्याधुनिक एयरपोर्ट की स्थापना की गई है।
झारखंड कई हवाई अड्डों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, जो यात्रियों के लिए घरेलू हवाई यात्रा की सुविधा प्रदान करते हैं।
झारखंड की राजधानी रांची में बिरसा मुंडा हवाई अड्डा राज्य का सबसे बड़ा एयरपोर्ट है, जो प्राथमिक विमानन केंद्र के रूप में कार्य करता है।
यहां से पूरे भारत के प्रमुख शहरों के लिए नियमित उड़ानें उपलब्ध हैं। आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा के नाम पर स्थापित यह हवाई अड्डा क्षेत्र में कनेक्टिविटी और पहुंच बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
एकीकृत बिहार के समय भी रांची पटना के बाद दूसरा प्रमुख एयरपोर्ट हुआ करता था। इसके अलावा, एक साल पहले शुरू हुआ देवघर हवाई अड्डा झारखंड के विभिन्न हिस्सों की खोज करने वाले यात्रियों के लिए सुविधाजनक विकल्प बना है।
राज्य के हवाई अड्डे न केवल आर्थिक गतिविधियों का समर्थन करते हैं, बल्कि झारखंड के प्राकृतिक आश्चर्यों, सांस्कृतिक विरासत और औद्योगिक कौशल के प्रवेश द्वार के रूप में भी काम करते हैं।
आइए आपको अब झारखंड के कुछ प्रमुख हवाई अड्डों के बारे में बताते हैः
1. बिरसा मुंडा हवाई अड्डा, रांची
बिरसा मुंडा एयरपोर्ट को पहले रांची हवाई अड्डे के रूप में भी जाना जाता था। यह शहर के केंद्र से लगभग 7 किमी दूर है।
रांची हवाई अड्डा एक एकल टर्मिनल हवाई अड्डा है, जिसकी क्षमता 125 आने और जाने वाले यात्रियों की है।
2. देवघर हवाई अड्डा
देवघर शहर से 9 किलोमीटर पूर्व में स्थित है देवघर हवाई अड्डा। इस हवाई अड्डे में छह चेक-इन काउंटर और दो आगमन बेल्ट से सुसज्जित एक टर्मिनल है, जो पीक आवर्स के दौरान 200 यात्रियों को संभालने की क्षमता रखता है।
देवघर हवाईअड्डे का हो रहा विस्तारः
देवघर एयरपोर्ट में कई नयी सुविधाएं शुरू होने वाली है। देवघर एयरपोर्ट में डीवीओआर (वेरी हाई फ्रीक्वेंसी ओमनी रेज डाप्लर रडार) लगाने का काम पूरा हो चुका है।
जल्द ही डीवीओआर चालू होने की संभावना है। इससे देवघर एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग की सुविधा शुरू हो जाएगी।
साथ ही देवघर एयरपोर्ट से रांची, पटना, बेंगलुरु और मुंबई के लिए हवाई सेवा चालू करने की योजना है।
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑॅफ इंडिया की कई एयरलाइंस कंपनियों से नयी उड़ान चालू करने के लिए बात हो रही है।
नये साल में देवघर एयरपोर्ट कार्गो विमान सेवा चालू करने की भी योजना है, इससे संथाल परगना, गिरिडीह समेत बिहार के भागलपुर, बांका और जमुई इलाके को औद्योगिक गति मिलेगी।
देवघर एयरपोर्ट यूनिट ने डीजीसीए को देवघर एयरपोर्ट से कार्गो सेवा चालू करने का प्रस्ताव भी भेज दिया है।
एयरपोर्ट में काम करनेवाले कर्मियों व अधिकारियों के लिए एयरपोर्ट कैंपस में ही एरोसिटी डेवलप करने की योजना है, जिसे जल्द धरातल पर उतारा जा सकता है। एरोसिटी को कॉमर्शियल रूप भी दिया जा सकता है।
3. सोनारी एयरपोर्ट, जमशेदपुरः
जमशेदपुर स्थित सोनारी एयरपोर्ट लंबे समय से फंक्शनल है। परंतु इसका व्यवसायिक प्रयोग नहीं होता।
आमतौर पर यह निजी उड़ानों के लिए ही उपयोग किया जाता रहा है। चूंकि यह काफी छोटा एयरपोर्ट है, इसलिए जमशेदपुर के निकट धालभूमगढ़ ने बड़े अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण किया जा रहा है।
सोनारी एयरपोर्ट टाटा प्रबंधन के अधीन है, इसलिए यहां से ज्यादातर टाटा के निजी विमान ही आपरेट होते हैं।
इसके अलावा अन्य निजी विमानों की लैंडिंग या उड़ान के लिए टाटा प्रबंधन से अनुमति लेनी पड़ती है।
तीन और नये एयरपोर्ट होंगे शुरूः
झारखंड वासियों को तीन नये एयरपोर्ट की सौगात मिलने जा रही है। इन एयरपोर्ट में यात्रियों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी।
रांची और देवघर के बाद पूर्वी सिंहभूम के धालभूमगढ़ एयरपोर्ट के अलावा बोकारो और दुमका में भी एयरपोर्ट की सुविधा लोगों को मिलेगी।
इस तरह से राज्य में कुल पांच एयरपोर्ट हो जाएंगे, जहां से यात्रियों को आने-जाने में काफी सहूलियत होगी।
बोकारो एयरपोर्टः
बोकारो में नये एयरपोर्ट का निर्माण किया गया है। एयरपोर्ट लगभग बनकर तैयार हो गया है।
एयरपोर्ट के अधिकारियों के मुताबिक जून-जुलाई तक यहां से विमान सेवा शुरू होने की संभावना है।
एयरपोर्ट के अधिकारी के मुताबिक उड़ान योजना के तहत बोकारो एयरपोर्ट से पहली फ्लाइट कोलकाता के लिए शुरू होगी।
इसके लिए स्पाइस एयरवेज ने एयरपोर्ट प्रबंधन से बातचीत कर ली है। इसके बाद पटना-बोकारो फ्लाइट शुरू करने की योजना है।
एयरपोर्ट से यात्रियों की डिमांड पर बेंगलुरु और दिल्ली के लिए फ्लाइट शुरू करने की योजना है। अभी बोकारो और धनबाद के यात्रियों को रांची से फ्लाइट पकड़नी पड़ती है।
धालभूमगढ़ एयरपोर्ट:
पूर्वी सिंहभूम के धालभूमगढ़ एयरपोर्ट के लिए संपर्क मार्ग को लेकर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गयी है।
यह एयरपोर्ट जमशेदपुर से लगभग 50 किमी दूर है। पिछले दिनों जमशेदपुर सांसद विद्युत वरण महतो ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात कर इस एयरपोर्ट के निर्माण का कार्य जल्द पूरा करने का अनुरोध किया है।
इसी के तहत इसके निर्माण में तेजी लाई गई है। बन जाने के बाद यह राज्य का सबसे आधुनिक और बड़ा एयरपोर्ट होगा।
कोलकाता एयरपोर्ट के विकल्प के तौर पर इसका निर्माण किया जा रहा है। इस एयरपोर्ट का निर्माण यात्री परिवहन के साथ-साथ माल ढुलाई के उद्देश्य से भी किया जा रहा है।
दुमका एयरपोर्टः
झारखंड में तीसरे नये एयरपोर्ट की सौगात दुमका वासियों को मिलेगी। इस एयरपोर्ट के होने से यहां के लोगों को रांची और कोलकाता जाने में सहूलियत होगी।
इसको लेकर सांसद सुनील सोरेन ने नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात कर दुमका में हवाई सेवा शुरू करने का आग्रह किया था।
बता दें कि पीएम मोदी ने दुमका एयरपोर्ट राज्यवासियों को देने की बात कही थी। दुमका झारखंड की उपराजधानी भी है।
इस एयरपोर्ट के निर्माण से रांची एयरपोर्ट का बोझ कुछ कम होगा और संथाल परगना को एक और हवाईअड्डा मिल जायेगा।
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