लगभग 1100 अधिकारी दो दिनों तक काला बिल्ला लगाकर करेंगे काम
रांची। झारखंड प्रशासनिक सेवा के लगभग 1100 अधिकारी दो दिनों तक काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे। यह आंदोलन 12 व 13 सितंबर को होगा।
झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ की अध्यक्ष रंजीता हेम्ब्रम ने एक प्रेसवार्ता में बताया कि प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अब आंदोलन को मजबूर हैं।
उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सेवा संघ ने अपनी सेवा के लंबित मुद्दों को समय-समय पर राज्य सरकार के विभिन्न पदाधिकारियों के समक्ष रखा है।
परंतु बहुत खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि अब तक कुछ मांगों को छोड़कर हमारी प्रमुख मांगों पर आश्वासन के अलावा कुछ प्राप्त नहीं हुआ है।
सरकार के इस उदासीन रवैया से संघ के पदाधिकारी अत्यंत हतोत्साहित हैं एवं उनमें सरकार के प्रति आक्रोश है।
झारखंड प्रशासनिक सेवा की सेवा पुनर्गठन के नाम पर बिहार प्रशासनिक सेवा का हूबहू मॉडल हम पर थोपा जा रहा है।
संघ झारखंड प्रशासनिक सेवा का पुनर्गठन चाहती है परंतु यह बिहार मॉडल पर आधारित नहीं होना चाहिए।
संघ के महासचिव राहुल कुमार ने बताया कि सरकार के निर्णय से इन सेवाओं के पदाधिकारी अब मात्र 17 वर्ष में भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रोन्नत हो जायेंगे, जबकि राज्य प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी को यह स्थान पाने में 25 वर्षों से भी अधिक का समय लग जाता है।
इन परिस्थितियों से सेवा के पदाधिकारी जो दिन रात खून पसीना एक कर सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारते हैं, वे स्वयं को अत्यधिक उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।
विगत दो वर्षों से संघ झारखण्ड प्रशासनिक सेवा को प्रीमियर सेवा घोषित करते हुए सम्पूर्ण कैडर संरचना को पुनर्गठित किये जाने की मांग कर रहा है, परंतु सरकार के स्तर पर केवल आश्वासन ही मिला है।
उन्होंने कहा कि संघ के पदाधिकारी दिनांक 12 एवं 13 सितम्बर 2024 को सरकार के उदासीन रवैये के खिलाफ काला बिल्ला लगाकर कार्य करेंगे एवं तब तक हमारी माँगो के प्रति कोई ठोस प्रगति नहीं होने पर संघ के पदाधिकारी चरणबद्ध आदोलन के लिए बाध्य हो जाएँगे।
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