रांची। झारखंड हाईकोर्ट सह झालसा के रांची ने नाबालिग से गैंगरेप मामले में कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद ने संज्ञान लिया है।
उन्होंने जिला विधिक सेवा प्राधिकार को आदेश दिया कि तत्काल दुष्कर्म पीड़िता और उसके परिवार को सहायता करें।
इस आदेश के आलोक में न्यायायुक्त-सह-अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार रांची दिवाकर पांडे ने सचिव को पीड़िता को हर संभव मदद पहुंचाने का निर्देश दिया है।
बता दें कि बीते 13 अप्रैल को जतरा मेला देखने गयी नाबालिग के साथ पांच युवकों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था।
डालसा सचिव राकेश रंजन ने एक टीम गठित की और खुद भी टीम के साथ बजरा स्थित पीड़िता के घर पहुंचे।
वहां उसकी मां से मिलकर विधिक सहायता के बारे में बताया और हरसंभव मदद की बात कही। साथ ही मुआवजा की प्रक्रिया की भी जानकारी दी।
वहां से निकलकर टीम सीधे रातू थाना पहुंची और डीएसपी से मिलकर केस से संबंधित जानकारी जल्द कोर्ट में प्रस्तुत करने को कहा।
फिर सिरमटोली स्थित प्रेमाश्रय पहुंचकर पीड़िता का हाल जाना। टीम में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार रांची राकेश रंजन, पी.एल.वी. पुष्पलता देवी और संगीता देवी शामिल थी।
बता दें कि पीड़िता से मिलने के बाद डालसा सचिव ने झारखंड पीड़ित मुआवजा अधिनियम के मुआवजा की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
साथ ही पीड़िता की मदद के लिए पीएलबी संगीता देवी को रखा है, जो कोर्ट की प्रक्रिया में उसकी सहायता करेंगी।
ममता श्रीवास्तव अधिवक्ता के रूप में उसकी मदद करेंगी। डालसा की ओर से पीड़िता को चिकित्सीय सुविधा भी दी जाएगी।
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