रांची। ऋषिकेश पंचांग के अनुसार जीवित पुत्रिका व्रत अष्टमी तिथि 25 सितंबर को रखा जाएगा। इससे पहले सप्तमी तिथि यानी 24 को नहाय खाय है। 26 सितंबर को पारण के साथ व्रत की समाप्ति होगी।
ज्योतिषी शालिनी वैद्य ने बताया कि व्रती तीसरे दिन यानी नवमी तिथि को सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद पारण करेंगी।
पारण में चावल, मड़ुआ की रोटी, सतपुतिया, कंदा और नोनी का साग खाने की परंपरा है।
संतान की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं महिलाएः
इस व्रत को करके महिलाएं संतान की लंबी आयु, उज्ज्वल भविष्य की कामना करेंगी। यह कठोर व्रत है। इसमें एक दिन पूरा निर्जला रहा जाता है।
ज्योतिषाचार्य प्रणव मिश्रा ने कहा कि यह व्रत आश्विन कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। यह व्रत तीन दिनों का होता है।
सोमवार को दिन भर महिलाएं जीतिया की खरीदारी करती नजर आईं। महिलाओं ने सब्जियों के साथ पूजन सामग्री खरीदी।
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