Sunday, July 6, 2025

जामताड़ाः इरफान की सीट खतरे में [Jamtara: Irfan’s seat in danger]

जामताड़ा। झारखंड में विधानसभा चुनाव 2024 की वोटिंग संपन्न हो चुकी है। अब सभी प्रत्याशी वोटों का आंकलन करने में जुट गये हैं। जामताड़ा जिले में भी नाला और जामताड़ा विधानसभा क्षेत्र में हुए मतदान की समीक्षा लोगों की ओर से जा रही है।

यह चुनाव कई राजनेताओं का जहां भविष्य तय करेगा वहीं हारने वाले को कई सबक दे जाएगा। इस बार के विधानसभा चुनाव में काफी दिनों बाद कई ऐसे मामले उभर कर सामने आए जो जामताड़ा में नई राजनीति के उदय की ओर इशारा करते हैं।

आदिवासी वोट बैंक में बिखरावः

जामताड़ा विधानसभा क्षेत्र के मतदान में काफी दिनों बाद ऐसा देखा गया कि आदिवासी वोट बैंक में बिखराव हुआ है। अब तक माना जाता रहा है कि आदिवासी वोट बैंक झामुमो का सेफ वोट बैंक रहा है। लेकिन इस बार उनके वोटो में काफी बिखराव दिखा।

यहां तक की शिबू सोरेन को जामताड़ा के जिस गांव कंचनबेरा ने महाजनी आंदोलन में न सिर्फ शरण दिया, बल्कि गुरुजी ने इसी गांव से संथाल परगना का नेतृत्व किया।

इस गांव के लोग हमेशा से गुरुजी के साथ रहे हैं। प्रत्येक चुनाव में इस गांव से हमेशा झामुमो और उसके गठबंधन वाली पार्टी को एक मुस्त वोट मिलता रहा है।

इन गांवों में शिबू सोरेन की बड़ी बहू को मिले वोटः

इस गांव में भी वोटों का बिखरा हुआ है। ग्रामीण मानते हैं कि पहली बार इस गांव में झामुमो समर्थित इंडी गठबंधन के अलावा बीजेपी को भी अच्छा खासा वोट मिला है। कंचनबेड़ा, शिवलीबाड़ी, लादना जैसे बड़े गांव में भी शिबू सोरेन की बड़ी बहू को ग्रामीणों ने वोट दिया।

इस गांव के आदिवासियों का कहना है कि उन्होंने भाजपा को नहीं, बल्कि गुरुजी की बहू को वोट दिया है। लेकिन जो भी हो इसका फायदा भाजपा को मिलेगा।

अल्पसंख्यक बहुल गांव में हुई कम पोलिंगः

अब तक के चुनाव में देखा जाता रहा है कि अल्पसंख्यक गांव में हर बार बंपर वोटिंग होती है और उसका अधिकांश वोट एक ही पार्टी को जाता है। लेकिन इस बार के चुनाव में यह देखा गया कि अल्पसंख्यक बहुल गांव में भी वोटिंग का प्रतिशत न सिर्फ कम रहा, बल्कि वहां की वोटों का बिखराव हुआ।

यही कारण है कि सोशल मीडिया में भी जामताड़ा विधानसभा के सबसे बड़े अल्पसंख्यक बहूल गांव चेंगाईडीह में कम वोटिंग और वोटों के बिखराव की चर्चा हो रही है। यही नहीं दीघारी, चैनपुर, चिरूडीह जैसे गांव के लोगों में वोट को लेकर पूर्व की तरह उत्साह और मतदान को लेकर उग्रता नहीं देखी गई

अन्य क्षेत्रों में अच्छी वोटिंगः

ठीक इसके विपरीत सामान्य जाति वाले गांव में अन्य बार की तुलना में वोटिंग करने के लिए लोग ज्यादा उत्सुक और गंभीर दिखे, जिसका परिणाम है कि जामताड़ा में अच्छी पोलिंग हुई।

शहरी क्षेत्र में गोलबंद दिखे वोटरः

अक्सर ऐसा माना जाता रहा है कि शहरी वोटर भाजपा का का होता है। लेकिन जामताड़ा और मिहिजाम शहर में पिछली कई चुनाव से वोटो का बिखराव देखा गया।

लेकिन काफी दिनों बाद शहरी वोटरों में भी एक जुटता दिखाई दी। शहर के अधिकांश बूथों पर एक पक्ष में ही लोगों को गोलबंद होते देखा गया।

वोट बर्बाद नहीं करेंगे का चला ट्रेंडः

इस बार के चुनाव में लोगों में इस बात की चर्चा जोरों से थी कि वोट बर्बाद नहीं करेंगे। यही कारण है कि चुनाव में भाजपा और इंडि गटबंधन के बीच सीधी टक्कर रही। वैसे तो जामताड़ा विधानसभा सीट से कुल 13 प्रत्याशी मैदान में थे।

लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि वोटिंग के मामले में दो को छोड़ अधिकांश काफी पीछे नजर आए और शायद ही उन लोगों का जमानत भी बच सके।

बरहाल ऊंट किस करवट बैठेगा यह फैसला तो 23 तारीख को ही हो सकेगा। लेकिन जिस प्रकार से जामताड़ा में मतदान हुआ है और जिस प्रकार के नए समीकरण देखने को मिले हैं। कहीं ना कहीं यह जामताड़ा में नई राजनीति के उदय को प्रदर्शित करता है।

इसे भी पढ़ें

वोट देने के बाद क्या बोले इरफान अंसारी

Hot this week

Bariatu Housing Colony: बरियातू हाउसिंग कॉलोनी में मनचलों और नशेड़ियों से सब परेशान, एक धराया [Everyone is troubled by hooligans and drunkards in Bariatu...

Bariatu Housing Colony: रांची। बरियातू हाउसिंग कॉलोनी एवं यूनिवर्सिटी कॉलोनी...

झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की अधिसूचना जारी [Notification issued for the second phase of Jharkhand assembly elections]

आज से नामांकन, 38 सीटों पर होगा मतदान रांची। झारखंड...

Violent protest: मेक्सिको में बढ़ते टूरिज्म के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन [Violent protests against rising tourism in Mexico]

Violent protest: मेक्सिको सिटी, एजेंसियां। मेक्सिको सिटी के कई...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img