रांची। झारखंड में विधानसभा चुनाव की हलचल शुरू हो गई है। इसके साथ ही शुरू हो गया है जोड़ तोड़ का खेल। सियासी समीकरणों को लेकर माथापच्ची शुरू हो चुकी है। इसी बीच एआईएमआईएम पार्टी के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी की घोषणा ने सबकी नींद उड़ा दी है।
उन्होंने घोषणा कर दी है कि उनकी पार्टी झारखंड विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर लड़ेगी।
उधर पहले से ही जयराम महतो ने सभी पार्टियों की नींद हराम कर रखी है। उनकी पार्टी झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा ने राज्य की 55 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा पहले से ही कर रखी है।
अभी तक एनडीए और ‘इंडी के नेता ही आपस में एक दूसरे को मात देने के लिए लड़-भिड़ रहे थे। इस सियासी खेल को रोचक बनाने के लिए अब असदुद्दीन ओवैसी और जयराम महतो मैदान में कूद पड़े हैं।
एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष ने घोषणा की है कि झारखंड विधानसभा की सभी सीटों पर उनकी पार्टी के कैंडिडेट इस बार ताल ठोंकेंगे। इधर जेबीकेएसएस के जयराम महतो नए कुर्मी नेता के रूप में उभर रहे हैं। अभी तक कुर्मी नेता के रूप में आजसू पार्टी के सुप्रीमो सुदेश महतो की ही पहचान थी। सुदेश महतो अभी एनडीए के साथ हैं।
इस बार लोकसभा चुनाव में जयराम महतो ने पहले ही प्रयास में जो कमाल किया है, वह हर दल और गठबंधन के लिए खतरे की घंटी है। एक ओर औवेसी जहां इंडी गठबंधन के नेताओं की नींद उड़ा रहे हैं, तो वहीं जयराम महतो एनडीए के लिए खतरे की घंटी बन गये हैं।
जाहिर सी बात है ओवैसी मुस्लिम वोटों में ही सेंध लगायेंगे और इंडी गठबंधन की मुश्किल बढ़ायंगे। वहीं, जयराम महतो कुर्मी वोटों में सेंधमारी करेंगे। इसके कारण खास तौर पर एनडीए में शामिल आजसू के लिए कुर्मी वोटों पर किलेबंदी मुश्किल होनेवाली है।
एआईएमआईएम ने कार्यकर्ताओं से किया आह्वान
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) का कार्यकर्ता सम्मेलन पिछले दिनों हुआ। विधानसभा चुनाव से पहले ऐसे समारोह के आयोजन के औचित्य को समझना आसान है। समारोह में प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद शाकिर ने कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाने को कहा। उन्होंने ऐलान किया कि एआईएमआईएम झारखंड में इस बार सभी 81 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इंडी ब्लॉक अगर एआईएमआईएम को अपने साथ रखता है, तो सीट शेयरिंग पर बात हो सकती है। वैसी स्थिति में एआईएमआईएम कम से कम 15 सीटें चाहेगा। राज्य में 15 प्रतिशत मुस्लिम आबादी होने के बावजूद उस अनुपात में प्रतिनिधित्व नहीं दिखता।
बताते चलें कि पिछली बार भी एआईएमआईएम ने विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की थी, पर ऐन मौके पर पीछे हट गई। झारखंड में तकरीबन 15 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है, पर बिरादरी के दो ही विधायक हैं। संताल परगना में तो मुस्लिम वोटर निर्णायक ही माने जाते हैं। अगर सच में ओवैसी झारखंड में अपने उम्मीदवार उतारते हैं तो यह इंडिया ब्लाक के लिए मुश्किल की स्थिति होगी।
जयराम भी ठोक रहे ताल
ओबीसी के कुर्मी समुदाय से आने वाले जयराम महतो के नेतृत्व वाला झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा ने भी विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। लोकसभा चुनावों में झारखंड की राजनीति में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराने वाली जयराम की पुरानी पार्टी जेबीकेएसएस भले एक भी सीट नहीं जीत पाई, लेकिन उसके उम्मीदवारों को मिले वोटों ने सबको चौंका दिया।
गिरिडीह संसदीय सीट पर तो खुद जयराम ही उम्मीदवार थे। जयराम 3 लाख 47 हजार वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे, लेकिन अपनी उपस्थिति से झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) प्रत्याशी मथुरा प्रसाद महतो का खेल उन्होंने बिगाड़ दिया। मथुरा महतो को 3 लाख 70 हजार वोट मिले।
जेबीकेएसएस ने आठ संसदीय सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। चुनाव तक जेबीकेएसएस राजनीतिक पार्टी के रूप में पंजीकृत नहीं था। उसके सारे उम्मीदवार निर्दलीय रूप में लड़े। गिरिडीह, रांची, हजारीबाग, कोडरमा, सिंहभूम, धनबाद, दुमका और चतरा सीटों पर जेबीकेएसएस ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
किससे किसे खतरा
अब राजनीतिक पार्टी के रूप में रजिस्टर्ड हो चुकी जेबीकेएसएस को नया नाम जेएलकेएम यानी झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा की योजना उन सीटों पर उम्मीदवार उतारने की है, जहां उसके उम्मीदवारों को लोकसभा चुनाव में अच्छी बढ़त मिली थी।
रांची में जेबीकेएसएस के नेता देवेंद्र नाथ महतो को पहली बार में ही 1 लाख 32 हजार वोट मिले। कुर्मी बहुल विधानसभा क्षेत्र सिल्ली में देवेंद्र दूसरे नंबर पर रहे। सिल्ली से आजसू प्रमुख सुदेश महतो अभी विधायक हैं। वे भी कुर्मी जाति से ही आते हैं।
हजारीबाग में जेबीकेएसएस कैंडिडेट संजय कुमार मेहता को 1 लाख 37 हजार वोट मिले। झारखंड में कुर्मी आबादी 15 प्रतिशत मानी जाती है। लोकसभा चुनाव में जेबीकेएसएस का जैसा परफॉर्मेंस रहा, उससे एक बात साफ हो गई है कि झारखंड में अब सुदेश महतो ही एकमात्र कुर्मी समाज के नेता नहीं रहे।
जयराम महतो की पार्टी अगर विधानसभा चुनाव में उतरती है तो लगभग 30-35 सीटों पर वह असरदार साबित होगी। सिल्ली, रामगढ़, मांडू, गोमिया, डुमरी और ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्रों में कुर्मी वोटर 75 प्रतिशत से अधिक हैं।
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