Jagdeep Dhankhar:
नई दिल्ली, एजेंसियां। भारतीय राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम तब सामने आया जब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार रात (21 जुलाई) को अपने पद से स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया। यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ है जब भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की तलाश में जुटी हुई है। वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जनवरी 2023 में ही खत्म हो चुका था, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए पार्टी ने उन्हें कार्यकाल विस्तार दिया था। अब जबकि उनका बढ़ा हुआ कार्यकाल भी समाप्त हो गया है, पार्टी को एक ऐसे चेहरे की तलाश है जो अगले चुनावों तक संगठन को नई दिशा दे सके।
धनखड़ के इस्तीफे के बाद
वहीं दूसरी ओर, धनखड़ के इस्तीफे के बाद भाजपा के सामने उपराष्ट्रपति पद के लिए एक उपयुक्त उम्मीदवार चुनने की चुनौती भी खड़ी हो गई है। पार्टी चाहती है कि उपराष्ट्रपति पद के लिए ऐसा व्यक्ति हो जो संवैधानिक दायित्व निभाने में सक्षम हो और संसद में प्रभावी भूमिका अदा कर सके। भाजपा के लिए यह चुनाव सिर्फ एक संवैधानिक पद भरने का मामला नहीं है, बल्कि यह 2029 की रणनीति और पार्टी की अगली पीढ़ी के नेतृत्व को सामने लाने का मौका भी है।
संविधान के अनुच्छेद 68 (2) के अनुसार
संविधान के अनुच्छेद 68 (2) के अनुसार, उपराष्ट्रपति पद रिक्त होने की स्थिति में जल्द से जल्द चुनाव कराना अनिवार्य होता है। ऐसे में पार्टी दोनों मोर्चों—संगठन और संवैधानिक पर तेजी से काम कर रही है। इन बदलावों ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है और अब सबकी नजरें भाजपा के अगले कदम पर टिकी हैं कि वह किसे अध्यक्ष और उपराष्ट्रपति के रूप में आगे लाती है।
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