रांची। ब्लड व यूरिन समेत अन्य जांच के दौरान ज्यादातर लैब सही स्टैंडर्ड का पालन नहीं करते। इससे सटीक रिपोर्ट नहीं मिल पाती है। इस कारण रोगियों का इलाज प्रभावित होता है।
कई बार गलत रिपोर्टिंग के कारण गलत इलाज होने का भी खतरा होता है। ऐसे में सभी लैब को जांच के स्टैंडर्ड मानक का पालन करना जरूरी है। जांच का सही मानक आइएसओ-15189 है।
फाउंडेशन फॉर क्वालिटी (इंडिया) के सीईओ व नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैबोरेट्रीज के एडवाइजर डॉ. वेंकटेश थुप्पिल ने उक्त बातें कही।
वे रिम्स ट्रॉमा सेंटर के सभागार में आयोजित चार दिवसीय जांच गुणवत्ता प्रशिक्षण कार्यक्रम आईएसओ-15189 के शुरुआत के मौके पर अपनी बातें रख रहे थे।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में मानकों की जानकारी दी गईः
रिम्स सेंट्रल लैब और फाउंडेशन फॉर क्वालिटी इंडिया की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। डॉ. वेंकटेश थुप्पिल ने ट्रेनिंग के दौरान लैब कर्मियों को जांच के स्टैंडर्ड पैमाने व मानक की जानकारी दी।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में आईपीसी बीएमजेएच संकल्प सेंटर के डायरेक्टर और पीडियाट्रिक हेमेटोलॉजिस्ट डॉ. रवि कुमार भी मौजूद रहे।
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