बगदाद,एजेंसियां: दुनियां में लगभग 130 देशों में समलैंगिक संबंधों को कानूनी इजाजत दिया गया है।
तो वहीं दूसरी तरफ इराक की संसद ने शनिवार को समलैंगिक संबंधों को लेकर एक कानून बनाकर पारित किया है जिसमें समलैंगिक संबंधों को अपराध मानते हुए लगभग 15 साल की जेल की सजा का ऐलान किया।
इस कानून का मेन मकसद धार्मिक मूल्यों को बनाए रखना है। लेकिन इराक में एलजीबीटी समुदाय को लेकर पारित हुए इस कानून की अधिकार अधिवक्ताओं ने निंदा की।
जानकारी के मुताबिक कानून का मकसद इराकी समाज को नैतिक पतन और दुनिया भर में बढ़ती समलैंगिकता से बचाना है।
इस कानून का मुख्य रूप से शिया मुस्लिम पार्टियों का समर्थन मिला, जो मुस्लिम इराक की संसद में सबसे बड़ा गठबंधन बनाते हैं।
इराक ने समलैंगिकता के खिलाफ कदम उठाते हुए समलैंगिकता पर समान-लिंग संबंधों पर कम से कम 10 साल और लगभग 15 साल की जेल की सजा सुनाई और समलैंगिकता या वेश्यावृत्ति को बढ़ावा देने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए कम से कम 7 साल की जेल का ऐलान किया गया।
साथ ही कानून में यह भी कहा गया कि किसी भी व्यक्ति के अपने जैविक लिंग को बदलने या जानबूझकर दूसरे जेंडर के तरीके से कपड़े पहनने वाले के लिए एक से तीन साल तक की जेल का प्रावधान करता है।
आपको जानकारी के लिए बताते चलें कि इराकी पार्टियों ने पिछले साल से एलजीबीटी अधिकारों की आलोचना तेज कर दी है, पिछले साल सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों शिया मुस्लिम गुटों द्वारा विरोध प्रदर्शन में अक्सर एलजीबीटी समुदाय के इंद्रधनुषी झंडे जलाए गए थे।
अवर वर्ल्ड इन डेटा के रिपोर्ट के अनुसार 60 से अधिक देशों में समलैंगिक यौन संबंध को अपराध घोषित किया गया है, जबकि 130 से अधिक देशों में समलैंगिक यौन कृत्य की इजाजत दी गई हैं।
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