नई दिल्ली, एजेंसियां। आज हर मध्यम आय वाला भारतीय वैकल्पिक निवेश की ओर देख रहा है। बैंक और अन्य बचत योजनाओं के मामूली रिटर्न से लोग विमुख हो रहे हैं। ऐसे में शेयर मार्केट में लोगों की रुचि बढ़ रही है।
अन्य निवेश साधनों के मुकाबले शेयर बाजार में पैसा लगाकर लोग जल्दी और बेहतर रिटर्न पाना चाहते हैं। साल दर साल म्यूचुअल फंड में लोग बढ़-चढ़कर पैसा लगा रहे हैं।
संभवतः यही कारण है कि मौजूदा वित्त वर्ष की जून 2024 में खत्म हुई तिमाही में इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश पांच गुना बढ़कर 94,151 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। एक साल पहले समान तिमाही में यह आंकड़ा 18,358 करोड़ रुपये था।
मजबूत आर्थिक माहौल, सरकार की बेहतर पॉलिसी, निवेशकों का भरोसा और शेयर बाजारों में तेजी के बीच इक्विटी म्यूचुअल फंड को लेकर रिटेल निवेशकों में आकर्षण बढ़ा है।
हाल ही में RBI गवर्नर ने भी कहा था कि लोग बैंकों के बजाय शेयर में पैसा लगाना पसंद कर रहे हैं। इससे बैंकों के डिपॉजिट ग्रोथ पर असर देखने को मिल सकता है।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया यानी एम्फी के आंकड़ों के अनुसार, जून में उद्योग के प्रबंधन के तहत एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 59 प्रतिशत बढ़कर 27.68 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले 17.43 लाख करोड़ रुपये था।
क्या है म्यूचुअल फंड में निवेश की वजह?
एसेट बेस में मजबूत वृद्धि के साथ इक्विटी म्यूचुअल फंड के निवेशकों की संख्या भी बढ़ी है। इस दौरान निवेशक आधार तीन करोड़ बढ़ा है और फोलियो की संख्या बढ़कर 13.3 करोड़ हो गई है।
स्टॉक ट्रेडिंग मंच ट्रेडजिनी के COO त्रिवेश डी के अनुसार इक्विटी पोर्टफोलियो की संख्या में बढ़ोतरी से पता चलता है कि विभिन्न इन्वेस्टर सेगमेंट में भागीदारी बड़े तरीके से बढ़ रही है। इसकी वजह फाइनेंशियल अवेयरनेस और इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म तक लोगों की आसान पहुंच है।
एम्फी के आंकड़ों के अनुसार, इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड योजनाओं में जून, 2024 को समाप्त तिमाही में 94,151 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। अप्रैल में इन योजनाओं में 18,917 करोड़ रुपये, मई में 34,697 करोड़ रुपये और जून में 40,537 करोड़ रुपये का निवेश हुआ।
म्यूचुअल फंड का सालाना औसत रिटर्न क्या है?
म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है इसलिए इसमें मिलने वाला रिटर्न हर साल बदलता रहता है। हालांकि, औसत सालाना रिटर्न लगभग 9% से 12% है।
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