283 देवी-देवता ढालपुर पहुंचे, 25 देशों के कलाकार ले रहे भाग
कुल्लू, एजेंसियां। अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा में आज दोपहर बाद भगवान नरसिंह की शाही जलेब निकाली जा रही है। आगे-आगे नरसिंह भगवान की घोड़ी चल रही है।
पीछे आधा दर्जन से ज्यादा देवी-देवता और बीच में भगवान नरसिंह की पालकी चल रही है।
पालकी में रूपी रियासत के राज घराना से संबंध रखने वाले रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह नरसिंह भगवान की निशानी ढाल लेकर सवार हैं।
राजा की जलेब का विशेष महत्व
कुल्लू की सांस्कृतिक धरोहर एवं राजा की जलेब का दशहरे में विशेष महत्व है। जलेब यानी राजा की शोभा यात्रा।
इसमें हजारों लोग और देवलू (देवता के कारिंदें) पारंपरिक बाध्य यंत्रों की थाप पर नाचते-गाते हुए आगे बढ़ रहे हैं। देवी देवताओं के भव्य मिलन के बाद आज दोपहर बाद नरसिंह भगवान की जलेब नितल रही है।
7 दिन तक चलेगा महोत्सव
7 दिन तक चलने वाला अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा भगवान रघुनाथ जी की शोभा यात्रा के साथ बीते रविवार को शुरू हो गया है।
इसमें 283 देवी देवता भाग ले रहे हैं, जबकि निमंत्रण 332 देवी-देवताओं को दिया गया था। इस मेले के लिए बाह्य सराज, आनी, निरमंड और सैंज की शांघड़ घाटी के दूरस्थ इलाकों के देवी-देवता पैदल चलकर पहुंचे है।
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