नयी दिल्ली : देश में कच्चे तेल के आयात बिल में बीते वित्त वर्ष (2023-24) में 16 प्रतिशत की गिरावट आई। इसका कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम में नरमी है।
हालांकि, इस दौरान विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता नई ऊंचाई पर पहुंच गयी।
पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने वित्त वर्ष 2023-24 (अप्रैल 2023 से मार्च 2024) में 23.25 करोड़ टन कच्चे तेल का आयात किया।
कच्चे तेल का प्रसंस्करण कर पेट्रोल और डीजल बनाया जाता है। आयात की मात्रा पिछले वित्त वर्ष के लगभग बराबर है।
लेकिन वित्त वर्ष 2023-24 में आयात के लिए 132.4 अरब डॉलर का भुगतान किया, जबकि 2022-23 में यह राशि 157.5 अरब डॉलर थी।
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