Google Chrome:
नई दिल्ली, एजेंसियां। भारत सरकार की साइबर सुरक्षा एजेंसी Indian Computer Emergency Response Team (CERT-In) ने देशभर के इंटरनेट यूजर्स को सतर्क करते हुए एक उच्च स्तरीय चेतावनी (High-Risk Alert) जारी की है। यह चेतावनी खास तौर पर Google Chrome और Mozilla Firefox ब्राउजर इस्तेमाल करने वालों के लिए है।
एजेंसी के अनुसार, इन दोनों ब्राउज़रों के पुराने संस्करणों (Outdated Versions) में कई गंभीर सुरक्षा कमजोरियां (Vulnerabilities) पाई गई हैं, जिनका फायदा साइबर अपराधी उठा सकते हैं। इन खामियों के ज़रिए हैकर्स न सिर्फ यूज़र के सिस्टम में घुसपैठ कर सकते हैं, बल्कि संवेदनशील डेटा चुरा सकते हैं, डिवाइस को रिमोटली नियंत्रित कर सकते हैं या फिर उसमें मैलवेयर इंस्टॉल कर सकते हैं।
Chrome में मिले गंभीर बग्सः
CERT-In की रिपोर्ट के मुताबिक, Google Chrome के पुराने वर्ज़न में “Use After Free”, “Integer Overflow” और “Heap Buffer Overflow” जैसी खतरनाक बग्स पाई गई हैं।
इन बग्स के कारण कोई दुर्भावनापूर्ण वेबसाइट (Malicious Website) या लिंक क्लिक होते ही ब्राउज़र क्रैश हो सकता है या फिर अपने आप कोड रन हो सकता है। इससे हैकर्स को यूज़र के सिस्टम पर पूर्ण नियंत्रण पाने का मौका मिल सकता है।
Firefox में भी कई खामियाः
वहीं Mozilla Firefox में “Cookie Storage Isolation”, “JavaScript JIT Error” और “Graphics Overflow” जैसी कमजोरियां मिली हैं। ये त्रुटियां यूज़र के ब्राउज़िंग डेटा, पासवर्ड, और सेव की गई जानकारी तक पहुंच बना सकती हैं। CERT-In ने चेतावनी दी है कि यह खतरा सिर्फ आम इंटरनेट यूज़र्स तक सीमित नहीं है, बल्कि सरकारी विभाग, निजी कंपनियाँ, और बैंकिंग नेटवर्क भी निशाने पर आ सकते हैं। अगर किसी नेटवर्क में पुराने वर्ज़न वाले ब्राउज़र का इस्तेमाल हो रहा है, तो पूरे सिस्टम में सेंध लग सकती है।
सरकार की सलाह: तुरंत करें अपडेट
Google Chrome यूज़र्स अगर
आपका Chrome वर्ज़न 137.0.7151.119 (Windows/Linux) या 137.0.7151.120 (macOS) से पुराना है, तो तुरंत अपडेट करें।
इसके लिए — ब्राउज़र में जाएं: Help → About Google Chrome
“Update” पर क्लिक करें और ब्राउज़र को रीस्टार्ट करें।
Mozilla Firefox यूज़र्स
Firefox का नवीनतम वर्ज़न सुरक्षा पैच के साथ जारी किया गया है।
जाएं: Menu → Help → About Firefox
अपडेट डाउनलोड और इंस्टॉल करें।
सुरक्षित रहने के उपायः
- संदिग्ध वेबसाइटों या अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें।
- किसी भी अनजान ईमेल या मैसेज में आए लिंक को खोलने से पहले जांच करें।
- जिन एक्सटेंशन या ऐड-ऑन का उपयोग नहीं करते, उन्हें हटा दें।
- अपने एंटी-वायरस और फायरवॉल को सक्रिय रखें तथा सिस्टम का नियमित स्कैन करें।
अपडेट करना जरूरीः
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि ब्राउज़र अपडेट सिर्फ नई सुविधाएं देने के लिए नहीं होते, बल्कि इनमें सुरक्षा कमजोरियों को दूर करने वाले पैच भी शामिल होते हैं। अगर यूज़र अपडेट नहीं करते, तो उनका सिस्टम हैकर्स के लिए आसान निशाना बन जाता है। हाल के महीनों में फिशिंग, रैनसमवेयर और डेटा चोरी के मामलों में तेजी आई है, इसलिए इंटरनेट का उपयोग करते समय सावधानी और सतर्कता बेहद आवश्यक है।
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