India-Singapore Deal:
नई दिल्ली, एजेंसियां। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जहां टैरिफ की बात करते रहे, वहीं भारत ने सिंगापुर के साथ आर्थिक और रणनीतिक रिश्तों को नई दिशा देने वाले पांच अहम समझौते किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग की मुलाकात गुरुवार (4 सितंबर) को दिल्ली में हुई। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग को गहराने और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में साझेदारी को नई मजबूती देने पर जोर दिया।
मुलाकात के दौरान मुंबई के जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट में बने भारत मुंबई कंटेनर टर्मिनल के दूसरे चरण का उद्घाटन किया गया। इसमें सिंगापुर की PSA इंटरनेशनल ने 1 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है। यह सहयोग भारत की बढ़ती लॉजिस्टिक क्षमता का प्रतीक माना जा रहा है।
बैठक में पांच अहम डील्स पर हस्ताक्षर हुए:
India-Singapore Deal:
डिजिटल एसेट इनोवेशन – RBI और सिंगापुर की मॉनेटरी अथॉरिटी के बीच करार, जिससे क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट्स और डिजिटल चैनल्स मजबूत होंगे।
एविएशन ट्रेनिंग और रिसर्च – एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और सिंगापुर की सिविल एविएशन अथॉरिटी साथ मिलकर एविएशन सेक्टर में नई क्षमता विकसित करेंगे।
ग्रीन एंड डिजिटल शिपिंग कॉरिडोर – जहाजरानी क्षेत्र में ज़ीरो-एमिशन फ्यूल्स और स्मार्ट पोर्ट टेक्नोलॉजी पर काम होगा।
स्किलिंग इन मैन्युफैक्चरिंग – चेन्नई में नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर स्किलिंग की स्थापना होगी।
स्पेस कोलैबोरेशन – अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग बढ़ेगा; अब तक भारत सिंगापुर के लगभग 20 सैटेलाइट लॉन्च कर चुका है।
भारत और सिंगापुर
India-Singapore Deal:
भारत और सिंगापुर का आर्थिक रिश्ता भी लगातार मजबूत हो रहा है। सिंगापुर पिछले सात सालों से भारत का सबसे बड़ा एफडीआई निवेशक है और अब तक दोनों देशों के बीच लगभग 170 अरब डॉलर का निवेश हो चुका है। द्विपक्षीय व्यापार 2004-05 में जहां 6.7 अरब डॉलर था, वहीं 2024-25 में यह बढ़कर 35 अरब डॉलर तक पहुंच गया।
दोनों देशों ने यह भी तय किया है कि जल्द ही CECA और AITIGA समझौतों की समीक्षा होगी। इन डील्स से न सिर्फ निवेश और टेक्नोलॉजी सहयोग बढ़ेगा बल्कि भारत को ASEAN देशों से जोड़ने वाला पुल और भी मजबूत होगा।
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