नई दिल्ली, एजेंसियां: भारत सरकार लगातार कोयले के आयात को कम करने की कोशिश कर रही है, लेकिन अप्रैल 2024 में कोल इंपोर्ट 13.2 प्रतिशत बढ़कर 2.61 करोड़ टन पर पहुंच गया।
भीषण गर्मी के चलते बिजली की डिमांड बढ़ी है, जिसे पूरा करने के लिए पावर कंपनियों ने कोयले की डिमांड बढ़ाई है।
दरअसल, एक साल पहले अप्रैल 2023 में भारत ने 2.30 करोड़ टन कोयला मंगाया था। पिछले साल की तुलना में इस साल कोयले के आयात में 13 फीसदी की बढ़त हुई है।
तो वहीं मार्च की तुलना में अप्रैल में कोयला आयात भी 8.93 प्रतिशत अधिक रहा है। मार्च में कोयला आयात 2.39 करोड़ टन से अधिक रहा था।
अप्रैल में कुल आयात में गैर-कोकिंग कोयले का आयात 1.74 करोड़ टन रहा। एक साल पहले समान महीने में यह आंकड़ा 1.51 करोड़ टन था।
वहीं कोकिंग कोयले का आयात 47.7 लाख टन से बढ़कर 49.7 लाख टन पर पहुंच गया।
समुद्री मार्ग से ढुलाई की कीमतों में नरमी से बीते वित्त वर्ष 2023-24 में देश का कोयला आयात 7.7 प्रतिशत बढ़कर 26.82 करोड़ टन रहा था।
2022-23 में यह आंकड़ा 24.90 करोड़ टन था। बी2बी ई-कॉमर्स कंपनी एमजंक्शन सर्विसेज लिमिटेड द्वारा जुटाये गये आंकड़ों से यह जानकारी सामने आयी है।
मानसून से पहले बढ़ेगा भंडारण
गर्मियों की शुरुआत के साथ खरीदारों ने नये सौदे किये, जिसकी वजह से कोयला आयात बढ़ा है।
हालांकि कोयला आयात में बढ़ोतरी ऐसे समय हुई है, जब कोयला और खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने जीवाश्म ईंधन का घरेलू उत्पादन बढ़ाने की बात पर जोर दिया था।
इसके साथ ही आयात में कमी लाने की बात कही थी। एमजंक्शन के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विनय वर्मा ने कहा कि मात्रा के लिहाज से आयात बढ़ा है।
आगे चलकर, मॉनसून से पहले भंडारण करने की वजह से बिजली और गैर-विनियमित दोनों क्षेत्रों से मांग जारी रह सकती है।
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