Navratri 2025:
नई दिल्ली, एजेंसियां। नवरात्रि के महापर्व पर महाअष्टमी और महानवमी के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है। इस दिन 2 से 10 साल की कन्याओं को देवी दुर्गा का स्वरूप मानकर उनका पूजन किया जाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार नवरात्रि की शक्ति साधना कन्या पूजन और हवन के बाद पूर्ण होती है।
कन्या पूजन में न करें ये गलतियां:
कन्याओं को घर में बुलाने पर जमीन पर बिठाकर पूजन न करें।
उन्हें केवल सात्विक भोजन दें और जबरदस्ती भोग न खिलाएं।
किसी भी कन्या का अपमान या दुखी करना न करें।
जाति, वर्ग या संपन्नता के आधार पर भेदभाव न करें।
उपहार में काले वस्त्र, रुमाल, चमड़े के सामान या लोहे के बर्तन न दें।
कन्याओं के जाने के तुरंत बाद घर की सफाई न करें।
कन्या पूजन में करें ये काम:
कन्याओं को आदरपूर्वक घर में बुलाएं और पूजन के बाद सम्मानपूर्वक विदा करें।
यदि 9 कन्याओं का समूह न मिले तो जितनी कन्याएं मिलें उनका पूजन करें और बाकी के लिए भोग या दक्षिणा रख दें।
कन्याओं के पैर धोकर पवित्र स्थान पर आसन दें।
9 कन्याओं के साथ एक छोटे बालक को बटुक भैरव के रूप में पूजन में शामिल करें।
कन्या पूजन से नवरात्रि की शक्ति साधना पूर्ण होती है और भक्तों को देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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