Tuesday, June 24, 2025

पेट की बीमारियों से बचना है तो सुधारनी होगी जीवन शैली, नहीं तो गो सकती हैं ये बीमारियां [If you want to avoid stomach diseases, you will have to improve your lifestyle, otherwise these diseases can occur]

रांची। वास्तव में यह सही है कि हेल्थ इज वेल्थ। हेल्थ ठीक नहीं तो कहां से बनाएंगे वेल्थ। आज के हाईटेक दौर में हमारी जीवन शैली हेल्थ पर नकारात्मक असर डाल रही है।

उसके कारण सामान्य रूप से शरीर तमाम रोगों से ग्रस्त हो रहा है। पेट में दर्द, गैस, अपच, अम्ल और पेट में अन्य बीमारियां पैदा हो रही है।

चिकित्सकों का मानना है कि ज्यादा स्ट्रेस, दर्द निवारक दवाओं का अधिक सेवन,पेट में अवांछित बैक्टीरिया, गलत खानपान और तंबाकू, शराब आदि का सेवन से हेल्थ पर खराब असर पड़ रहा है।

5 से 10% लोगों के पेट में अल्सर

शोध में यह सच्चाई सामने आई है कि दुनिया में 5 से 10 फ़ीसदी लोगों के पेट में अल्सर हो जाता है। ह्यूस्टन मेथाडिस्ट हॉस्पिटल में गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉक्टर अविनाश कुमार के अनुसार पेप्टिक अल्सर से पीड़ित लोगों में अक्सर विशेष लक्षण नहीं देखे जाते।

मगर कुछ लोगों के पेट में दर्द, पेट की गड़बड़ी, सीने में जलन, जी मिचलाना, ब्लोटिंग आदि की शिकायत हो सकती है।

कई बार अल्सर से ब्लीडिंग भी हो सकती है जिससे काला,गहरा मल या ताजा खून के साथ स्टूल पास हो सकता है।

स्ट्रेस और नशापान से रहें दूर

याद रखिए, ज्यादा स्ट्रेस आपको मानसिक रूप से परेशान तो करता ही है इससे आपके पेट में अल्सर की शिकायत भी हो सकती है।

यू एस के वर्जीनिया में मौजूद गैस्ट्रो हेल्थ के उदर रोग विशेषज्ञ डॉक्टर टोनिया एडम्स के अनुसार यह सच है कि गंभीर रूप से बीमार, इंटेंसिव केयर यूनिट में भर्ती मरीजों के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट की लाइनिंग में घाव और इन्फ्लेमेशन हो जाता है।

कई बार स्ट्रेस की वजह से लोग ज्यादा सिगरेट, गुटका या शराब जैसे हानिकारक चीजों का सेवन करते हैं। वर्जीनिया गैस्ट्रो हेल्थ हॉस्पिटल के विशेषज्ञ डॉक्टर टोनिया एडम्स कहते हैं सिगरेट पीना और ज्यादा शराब पीना यह भी पेट को भारी नुकसान पहुंचाता है।

पेट में अल्सर होने के का एक अन्य कारण है,पेट में अवांछित बैक्टीरिया की मौजूदगी। 2020 में की गई स्टडी में शोधकर्ताओं ने अमेरिका में 1.3 मिलियन मरीजों के मेडिकल रिकॉर्ड्स का विश्लेषण किया।

2009 से 2018 के बीच एकत्रित एंड एंडोस्कोपी रिपोर्ट्स थी। स्वास्थ्य विज्ञानियों ने पाया कि 17 फ़ीसदी मामलों में पेप्टिक अल्सर की वजह हेलीकोबैक्टर पाईलोरिया बैक्टीरिया था।

सादा भोजन और लाइफस्टाइल में चेंज जरूरी

अल्सर का इलाज संभव है। अगर बैक्टीरिया की वजह से अल्सर है तो डॉक्टर एंटीबायोटिक का कोर्स करने की सलाह देते हैं।

इसका पता लगाने के लिए स्टूल टेस्ट, ब्रीद टेस्ट और एंडोस्कोपी की जाती है। अगर बैक्टीरिया की वजह से ऐसा नहीं है तो एंटासिड दवाएं, सादा भोजन और जीवन शैली में चेंज जरूरी है।

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