नयी दिल्ली : कांग्रेस ने शनिवार को दावा किया कि चुनावी बॉण्ड ‘प्रीपेड रिश्वत और ‘पोस्टपेड रिश्वत’ का मामला है और इसकी उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच होनी चाहिए।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि ‘चंदादाताओं का सम्मान, अन्नदाताओं का अपमान’ मौजूदा सरकार की नीति है।
उन्होंने कहा कि केंद्र में ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार बनने पर इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाएगा।
रमेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पिछले महीने से ही भारतीय स्टेट बैंक इसका भरपूर प्रयास कर रहा था कि किसी तरह ‘चुनावी बॉण्ड’ से संबंधित आंकड़े जारी करने का समय 30 जून, 2024 तक टल जाए यानी आगामी लोकसभा चुनाव के काफ़ी बाद तक
आगे भी पढ़ें
संकट की घड़ी में पूरा झारखंड अरविंद केजरीवाल के साथ खड़ा है : कल्पना सोरेन