आज एक नाम जो सबके ज़ुबान पर है। अखबार हो या टीवी हर जगह के सुर्खियां में हैं। जी हां हम बात कर रहे है दिल्ली की शालीमार बाग की विधायक रेखा गुप्ता की। अरविंद केजरीवाल, सुषमा स्वराज के बाद दिल्ली की तीसरी मुख्यमंत्री बनी, जो हरियाणा से हैं ।
बीते दिन यानी बुधवार शाम को भाजपा विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर मुहर लग गई। आज यानी गुरुवार को रामलीला मैदान में भव्य शपथ ग्रहण समारोह में उपराज्यपाल वी.के.सक्सेना उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाए। भाजपा को सुषमा स्वराज के बाद एक लंबा इंतजार करना पड़ा। लेकिन अब वो इंतजार रेखा गुप्ता ने खत्म कर दी।
कहा जाता है कि बीजेपी में बड़े नेता वही बनते हैं, जिनकी पृष्ठभूमि आरएसएस या अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की होती है। बीजेपी के बड़े नेताओं की पृष्ठभूमि देखे तो वो चाहे अटल-आडवाणी की जोड़ी हो या नरेंद्र मोदी और अमित शाह की।
या फिर अरुण जेटली हों या नितिन गडकरी। बता दे रेखा गुप्ता के साथ आरएसएस और एबीवीपी दोनों की पृष्ठभूमि हैं। शायद इसी वजह से वह मुख्यमंत्री चुनी गई।
वहीं सीएम चुने जाने के बाद रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, “मुझ पर विश्वास कर मुख्यमंत्री पद का दायित्व सौंपने के लिए मैं सभी शीर्ष नेतृत्व का हृदय से आभार व्यक्त करती हूं।
आपके इस विश्वास और समर्थन ने मुझे नई ऊर्जा और प्रेरणा दी है। मैं संकल्प लेती हूं कि दिल्ली के हर नागरिक के कल्याण, सशक्तिकरण और समग्र विकास के लिए पूरी ईमानदारी, निष्ठा और समर्पण से कार्य करूंगी। दिल्ली को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के इस महत्वपूर्ण अवसर के लिए मैं पूरी तरह से प्रतिबद्ध हूं।”
रेखा गुप्ता भले पहली बार विधायक बनी हैं लेकिन दिल्ली की राजनीति के लिए नई नहीं हैं। उनकी राजनीतिक सफर के बारे में बात करे तो
रेखा गुप्ता ने 1992 में दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज से पढ़ाई के दौरान ही छात्र राजनीति में कदम रखा। वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़ी रहीं और 1996-97 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) की अध्यक्ष बनीं, जहां उन्होंने छात्रों के मुद्दों को सक्रिय रूप से उठाया।
2003-04- भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा दिल्ली की सचिव बनी। 2004-06- भाजपा युवा मोर्चा की राष्ट्रीय सचिव रही। 2007- दिल्ली के उत्तरी पीतमपुरा वार्ड से पार्षद चुनी गयी और भाजपा महिला मोर्चा की राज्य महासचिव भी रही।
साल 2007 में उत्तरी पीतमपुरा से पार्षद चुने जाने के बाद, उन्होंने क्षेत्र में पुस्तकालय, पार्क और स्विमिंग पूल जैसी सुविधाओं के विकास पर काम किया। 2007-09 महिला कल्याण एवं बाल विकास समिति में थी और अब तक अध्यक्ष का पद संभाला।
2009- दिल्ली में राज्य महिला मोर्चा भाजपा की महासचिव बनी। 2010- भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य रही। 2012- उत्तरी पीतमपुरा वार्ड से दूसरी बार पार्षद बनी। 2015 और 2020 में शालीमार बाग विधानसभा से हार का सामना करना पड़ा। फिर 2022- शालीमार बाग-बी वार्ड से पार्षद चुनी गई।
आखिरकार 2025 में शालीमार बाग से रेखा गुप्ता ने आम आदमी पार्टी की बंदना कुमारी को 29,595 मतों से मात दी और जीत अपने नाम की। दिल्ली में विधानसभा चुनाव इतने बड़े मार्जिन से जीतना एक बड़ी जीत है।
खुद को लगातार बेहतर बनाने का उनका जुनून ही इस बात को जाहिर करता है कि पहली बार विधायक होने के बावजूद भी उन्हें मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई।
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