Jagannath Puri temple:
भुवनेश्वर, एजेंसियां। 16 अगस्त 2025 को मनाई जाने वाली श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर देशभर के मंदिरों में रौनक रहेगी, लेकिन उड़ीसा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर की जन्माष्टमी अलग ही छटा बिखेरती है। इस पवित्र अवसर पर भगवान जगन्नाथ (जो श्रीकृष्ण का अवतार माने जाते हैं) के दर्शन के लिए देश-विदेश से भक्त पुरी पहुंचते हैं।
जन्माष्टमी के खास आयोजन
जन्माष्टमी के दिन जगन्नाथ मंदिर में मंगल आरती से शुरुआत होती है, फिर भगवान का स्नान, श्रृंगार और विशेष अभिषेक किया जाता है। दिनभर भजन-कीर्तन और श्रीकृष्ण लीलाओं का मंचन चलता है। जैसे ही रात के 12 बजते हैं, पूरे मंदिर परिसर में शंख, घंटे और मंत्रोच्चार की गूंज के साथ श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का आयोजन होता है। भगवान को झूला झुलाया जाता है और उन्हें 56 भोग अर्पित किए जाते हैं।
सांस्कृतिक झलक
पुरी में जन्माष्टमी केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक उत्सव भी होती है। ओडिशा के पारंपरिक ‘ओडिसी नृत्य’, कीर्तन मंडलियों द्वारा भक्ति गीत और भगवत लीला का मंचन यहां की विशेषता है। भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलराम और बहन सुभद्रा की विशेष झांकियां सजाई जाती हैं, जो हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती हैं।
महाप्रसाद की भव्यता
इस दिन मंदिर में तैयार किया गया महाप्रसाद (56 भोग) श्रद्धालुओं में वितरित किया जाता है, जिसमें देसी घी, चावल, दाल, फल, मिठाइयाँ और पारंपरिक उड़ीया व्यंजन होते हैं।
कैसे पहुंचे पुरी?
पुरी जाने के लिए सबसे नजदीकी एयरपोर्ट भुवनेश्वर है, जो पुरी से करीब 60 किमी दूर है। इसके अलावा पुरी रेलवे स्टेशन और NH-316 द्वारा सड़क मार्ग भी अच्छी तरह जुड़ा है।
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