Himachal Cloudburst: हिमाचल में बादल फटने का कहर जारी: 34 लापता, कई गांव जलमग्न, वायुसेना से राहत कार्य में मांगी मदद [Cloudburst continues to wreak havoc in Himachal: 34 missing, many villages submerged, help sought from Air Force in relief work]

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Himachal Cloudburst:

शिमला, एजेंसियां। हिमाचल प्रदेश में सोमवार रात को बादल फटने की कई घटनाओं ने भीषण तबाही मचाई, जिससे मंडी, करसोग, थुनाग और जंजैहली जैसे क्षेत्रों में हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। मंडी के धर्मपुर उपमंडल के स्याठी गांव में पूरा गांव जलप्रलय में बह गया, जबकि अब तक 34 लोग लापता हैं और तीन और शव बरामद हुए हैं, जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 18 हो गई है। मंडी जिले में 148 घर, 104 गोशालाएं, 14 पुल और 31 वाहन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, वहीं 918 बिजली ट्रांसफार्मर और 683 पेयजल योजनाएं ठप होने से बिजली-पानी का संकट और गहरा गया है। सबसे अधिक तबाही सराज क्षेत्र में देखने को मिली है, जहां प्रशासन राहत पहुंचाने में अब तक असमर्थ रहा है क्योंकि भारी भूस्खलन से सड़कें पूरी तरह बंद हैं। थुनाग बाजार तक एनडीआरएफ की टीम पैदल ही पहुंच पाई है, लेकिन पखरैर और जरोल जैसे क्षेत्रों में अब तक संपर्क नहीं हो पाया है।

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बुधवार को वायुसेना की मदद से थुनाग और जंजैहली का हवाई सर्वेक्षण किया और प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री वितरित की। राहत किटों में आटा, चावल, दाल, तेल, नमक समेत अन्य जरूरी सामान शामिल था और 172 किटें हेलिकॉप्टर के जरिए प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचाई गईं। इसके अलावा दो गर्भवती महिलाओं को भी हेलिकॉप्टर के माध्यम से रेस्क्यू किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावितों को विशेष राहत पैकेज और क्षतिग्रस्त मकानों, गोशालाओं और पशुधन के लिए अतिरिक्त मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस त्रासदी के पीछे जलवायु परिवर्तन एक बड़ी वजह हो सकती है, और इसके कारणों पर केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर अध्ययन करना होगा।

सराज क्षेत्र में अभी भी सेवाएं बहाल

सराज क्षेत्र में अभी तक संचार सेवाएं बहाल नहीं हो पाई हैं, जिससे राहत कार्यों में भी कठिनाई हो रही है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीमें लगातार लापता लोगों की तलाश में जुटी हैं, लेकिन सड़कों के टूटने और लगातार बारिश से बाधाएं बढ़ गई हैं। कुल्लू की बंजार घाटी में फंसे करीब 250 सैलानियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। प्रदेश में आज और कल भारी बारिश का येलो अलर्ट है, जबकि 5 से 7 जुलाई तक ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है।

मुख्यमंत्री ने वैज्ञानिक जांच के निर्देश दिए

मंगलवार रात को शिमला में 25 मिमी, सोलन में 27 मिमी, धर्मशाला में 15 मिमी, मंडी में 36 मिमी और कसौली में 55 मिमी बारिश दर्ज की गई। मुख्यमंत्री ने मंडी-कोटली रोड पर हुए नुकसान का निरीक्षण करते हुए चट्टानों के खिसकने की वैज्ञानिक जांच के निर्देश दिए हैं। आपदा की भयावहता ने सरकार और प्रशासन को अलर्ट कर दिया है, और राहत कार्यों को तेज करने के साथ-साथ भविष्य के लिए आपदा प्रबंधन को और अधिक प्रभावी बनाने की जरूरत पर बल दिया जा रहा है।

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