रांची। पैनम कोल माइंस के खिलाफ PIL पर जवाब दाखिल नहीं करने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है। पैनम कोल माइंस द्वारा अवैध खनन किये जाने की सीबीआई जांच और विस्थापितों के पुनर्वास की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर शनिवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने जवाब दाखिल नहीं करने से नाराज होकर 6 जनवरी को मामले की सुनवाई का निर्देश दिया है।
अदालत ने कहा है कि उस दिन तक अगर जवाब दाखिल नहीं होता तो अदालत आदेश पारित कर देगा।
पैनम माइंस पर ये है आरोपः
पैनम माइंस नाम की कंपनी को वर्ष 2015 में सरकार ने पाकुड़ और दुमका जिले में कोयला खनन का लीज दिया था।
उसपर यह आरोप है कि उसने लीज से ज्यादा खनन किया, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुक्सान हुआ। इस संबंध में हाईकोर्ट के अधिवक्ता राम सुभग सिंह ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की।
जिसपर अदालत ने राज्य सरकार और खनन विभाग के आला अधिकारियों को कई बार जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
लेकिन, सरकार और विभाग की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं आया। हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस नवनीत कुमार की बेंच इस जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है।
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