Hernia:
जब आपके पेट की मसल्स कमजोर हो जाती है, और मांसपेशी या ऊत्तक में छेद के माध्यम से कोई अंग उभरकर बाहर की तरफ आने लगते है, तो उसे हर्निया कहते हैं। क्या आप जानते हैं, हर्निया कहां होता है? हर्निया की बीमारी सामान्य रूप से पेट में होती है, लेकिन यह नाभी, जांघ के उपरी हिस्से या कमर के आस-पास कही भी हो सकता है। ज्यादातर मामलों में, हार्निया की समस्या जानलेवा नहीं होती है, कुछ मामलों में इसे सर्जरी के द्वारा ठीक करना पड़ता है।
Hernia: हर्निया के प्रकार:
- इंगुइनल हर्निया (Inguinal hernia) – सबसे सामान्य, यह कमर के पास होता है और अक्सर पुरुषों में देखा जाता है।
- फेमोरल हर्निया (Femoral hernia) – यह महिलाओं में अधिक होता है और जांघ के ऊपरी हिस्से में होता है।
4 . उंबिलिकल हर्निया (Umbilical hernia) – यह नाभि के पास होता है, बच्चों और मोटे वयस्कों में आम है।
- हायेटल हर्निया (Hiatal hernia) – यह तब होता है जब पेट का ऊपरी हिस्सा डायाफ्राम के जरिए छाती में चला जाता है।
- इनसिजनल हर्निया (Incisional hernia) – यह किसी सर्जरी के बाद पुराने चीरे के स्थान पर होता है।
लक्षण:
1.पेट या कमर में सूजन या उभार
- खांसी, झुकने या वजन उठाने पर उभार का बढ़ जाना
- दर्द या असहजता
- कुछ मामलों में मतली या उल्टी
Hernia: क्यों होती है ये दिक्कत?
हर्निया जन्मजात हो सकता है या उन लोगों में विकसित हो सकता है जिनके पेट की दीवार में कमजोरी होती है। कुछ प्रकार की गतिविधियां और चिकित्सा समस्याएं पेट की दीवार पर दबाव बढ़ाती हैं, जिसके कारण भी हर्निया हो सकती हैं। लंबे समय तक कब्ज के कारण अगर शौच करते समय बार-बार और अधिक जोर लगाना पड़ता है तो इसके कारण ये समस्या हो सकती है।
लगातार खांसी, सिस्टिक फाइब्रोसिस, प्रोस्टेट की समस्या, अधिक वजन या मोटापा के अलावा पेट में तरल पदार्थ की अधिकता भी इस समस्या का कारण बन सकती है।
Hernia: हार्निया का इलाज और बचाव:
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, हार्निया के कारण सभी लोगों में लक्षण नजर आएं ऐसा जरूरी नहीं है। आमतौर पर इसमें पेट में गांठ या उभार दिखता है जो कुछ शारीरिक गतिविधियों के दौरान स्पष्ट नजर आता है। हर्निया के कारण पेट में दर्द या चुभन महसूस होती रह सकती है। पेट पर दबाव बढ़ने की स्थिति में दर्द और जटिलताएं अधिक महसूस हो सकती हैं। हर्निया के अधिकांश मामलों में सर्जरी की आवश्यकता होती है।
डॉक्टर कहते हैं, आप जन्मजात दोष को रोक नहीं सकते। हालांकि पेट की मांसपेशियों और ऊतकों पर बढ़ते दबाव को कम करने के लिए कुछ उपायों को प्रयोग में लाया जा सकता है। स्वस्थ वजन बनाए रखना, आहार में हाई फाइबर वाले खाद्य पदार्थों को शामिल कराना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
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