रांची। झारखंड में एक ओर जहां गुरुवार की शाम को हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, वहीं, ईडी उनकी बेल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी में हैं। मतलब मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठते ही हेमंत सोरेन की मुश्किल बढ़ती दिख रही है।
ईडी जमीन हड़पने और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीएम हेमंत सोरेन को जमानत देने के झारखंड हाई कोर्ट के एकल पीठ के आदेश पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है।
हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। हाईकोर्ट से 28 जून को हेमंत सोरेन को जमानत मिल गई थी, जिसके बाद बीते शुक्रवार को उन्हें बिरसा मुंडा जेल से रिहा कर दिया गया।
झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंगन मुखोपाध्याय की अदालत ने ईडी की दलीलों और सबूतों को खारिज कर दिया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि पूर्व सीएम भूमि हड़पने के मामले में सीधे तौर पर शामिल थे।
निचली अदालत ने आरोप पत्र पर पहले ही संज्ञान लिया
जानकारी के अनुसार ईडी इस आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील करेगा, क्योंकि निचली अदालत ने सोरेन के खिलाफ दायर आरोपपत्र पर पहले ही संज्ञान ले लिया है।
22 मई को सुप्रीम कोर्ट ने सीएम के आवेदन को खारिज कर दिया था। जब शीर्ष अदालत ने कहा था कि चूंकि एक ट्रायल कोर्ट ने पहले ही उनके खिलाफ आरोपपत्र पर संज्ञान ले लिया था और नियमित जमानत के लिए उनके आवेदन को खारिज कर दिया था, इसलिए सोरेन को ऐसा नहीं करना चाहिए।
गिरफ्तारी को लेकर चुनौती देने वाली याचिका भी खारिज
अपनी गिरफ्तारी को लेकर सोरेन की चुनौती को झारखंड हाईकोर्ट ने भी 3 मई को खारिज कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिए जाने के बाद उनके वकील ने लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार के लिए अंतरिम राहत की मांग की थी।
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