पत्नी कल्पना सोरेन ने सोशल मीडिया पर शेयर की हेमंत की बातें
रांची। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन होटवार जेल में हैं। जेल के अंदर कैदियों की हालत भी उनसे छुपी नहीं है।
इसलिए उन्हें अब गरीब कैदियों की चिंता सता रही है। कैदियों का दुख दर्द उन्होंने अपनी पत्नी कल्पना सोरेन से शेयर किया है।
कल्पना शेयर ने भी पति की चिंता से राज्यवासियों को अवगत कराया है। इसे लेकर उन्होंने एक बार फिर सोशल मीडिया एक्स पर एक भावुक पोस्ट शेयर किया है।
साथ ही उन्होंने इलेक्टोरल बांड को लेकर बीजेपी पर निशाना भी साधा है। हेमंत सोरेन को लेकर उन्होंने लिखा है “हेमंत जी को अन्यायपूर्ण कारावास में रहते हुए 45 दिन से अधिक हो गए हैं।
सप्ताह में एक दिन महज थोड़ी देर के लिए ही उनसे मुलाकात हो पाती है। बाबा और माँ के स्वास्थ्य को लेकर वो चिंतित रहते हैं।
वो राज्य की जानकारी लेने के साथ-साथ बच्चों के बारे में भी पूछते हैं। राज्यवासियों के प्रति हेमन्त जी का प्रेम और समर्पण ही मुझे शक्ति देता रहता है। इस अन्यायपूर्ण कारावास में भी वह मुस्कुरा कर कहते हैं कि तुम एक माँ हो, सब संभाल लोगी।”
कल्पना ने आगे लिखा है “हर सप्ताह मिलने के क्रम में वो जेल में बंद गरीब और असहाय कैदियों की समस्याओं के बारे में बताते रहते हैं।
उन्हें कैसे न्याय मिले, सोचते हैं। अभी कुछ दिनों पहले ही हेमन्त जी ने महिला सिपाहियों की सहूलियत को लेकर सरकार तक अनुरोध भी पहुंचाया है।
झारखण्ड समेत देश के जेलों में बंद कैदियों की संख्या में सबसे ज्यादा आदिवासी, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्ग के लोग हैं।
अधिकांश मामलों में वंचित समाज के लोग मामूली अपराधों में, तो कई बार सिर्फ जमानत की छोटी से छोटी राशि ना भर पाने की असमर्थता के कारण जेल में रहने को मजबूर रहते हैं।
मुझे याद है खुद मुख्यमंत्री रहते हुए हेमन्त जी ने कुछ ऐसे कैदियों को रिहा करने हेतु निर्देश भी दिया था।
लोकसभा चुनाव से पहले इलेक्टोरल बांड को लेकर घमासान मचा हुआ है। इसे लेकर भी कल्पना ने कहा है कि “आज हाथी उड़ाने वाले लोग सिर्फ पूंजीपतियों द्वारा दिए इलेक्टोरल बॉन्ड और अन्य चंदों की मदद से लोकतंत्र की हत्या की साजिश रचने में व्यस्त हैं। इन्हें आदिवासी, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्ग से कोई मतलब नहीं।”
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