रांची। झारखंड ने निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने का बड़ा फैसला लिया है। जल्द ही इस दिशा में सरकार कदम उठाने जा रही है। यह जानकारी शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने सदन में दी। दरअसल, झारखंड विधानसभा में प्राइवेट स्कूल की मनमानी और री-एडमिशन के नाम फ़ीस बढ़ोतरी का मामला उठा। विधानसभा में ध्यानाकर्षण के माध्यम से झरिया की विधायक रागिनी सिंह ने कहा कि प्राइवेट स्कूल में री-एडमिशन के नाम पर हर साल 10 से 20 प्रतिशत तक फ़ीस बढ़ा दी जाती है।
साथ ही किताबों में भी कमीशन वसूलने का काम किया जाता है। स्कूल द्वारा किसी ख़ास स्कूल से ही किताब ख़रीदने के लिए कहा जाता है। रागिनी सिंह ने कहा कि प्राइवेट स्कूल ग़रीब का खून चूसने का काम कर रहे हैं।
ढाई लाख तक का जुर्माना का है प्रावधानः
सदन में जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने बताया कि प्राइवेट स्कूल की मनमानी रोकने के लिए शुल्क समिति का गठन स्कूल में किया जाता है, जिसमें परिजन के साथ- साथ स्कूल के शिक्षकों को भी कमिटी में रखा जाता है। इसके अलावा ज़िला में भी कमेटी बनाई जाती है। मंत्री ने कहा कि कमेटी चाहे तो स्कूल प्रबंधन पर ढाई लाख तक का जुर्माना लगा सकती है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इन कमेटियों की समीक्षा की जायेगी और स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाई जायेगी।
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