Heart Diseases:
नई दिल्ली, एजेंसियां। हृदय रोगों के मामले वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए गंभीर चिंता का कारण बने हुए हैं। हर साल हृदय से संबंधित बीमारियों के चलते लाखों लोगों की मौत हो जाती है।
हाल के वर्षों में विशेषकर, कोविड महामारी के बाद हृदय से संबंधित जटिलताओं जैसे हार्ट अटैक-हार्ट फेलियर के मामलों में और तेजी से बढ़ोतरी हुई है। आधुनिक चिकित्सा और मेडिकल क्षेत्र में नवाचार ने हृदय से संबंधित गंभीर जोखिमों को कम करने के लिए प्रभावी तकनीक विकसित कर ली है
जिससे रोगियों का उपचार पहले की तुलना में अब आसान हो सकता है, हालांकि इसके उपयोग के लिए जरूरी है कि बीमारी का समय पर निदान हो सके। मेडिकल क्षेत्र में नवाचार के इसी क्रम में अब वैज्ञानिकों को और बड़ी सफलता हाथ लगी है।
नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने एक अतिसूक्ष्म पेसमेकर बनाया है जिससे दिल के मरीजों को विशेष लाभ मिल सकता है। सबसे खास बात ये है कि इसका आकार चावल के दाने जितना छोटा है और अब तक जिस तरह से पेसमेकर लगाया जाता रहा है उससे इतर इसे आसानी से इंजेक्शन के जरिये भी शरीर में इंजेक्ट किया जा सकता है।
Heart Diseases: सिरिंज की नोंक जितना छोटा पेसमेकर
नेचर जर्नल में प्रकाशित अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार, नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के इंजीनियरों ने एक ऐसा पेसमेकर विकसित किया है जो इतना छोटा है कि इसे सिरिंज की नोंक के अंदर फिट किया जा सकता है। इसके अलावा बिना किसी सर्जरी या चीर-फाड़ के आसानी से शरीर में इंजेक्ट भी किया जा सकता है।
खास बात ये भी है कि यह सभी आकार के दिलों के लिए काम कर सकता है। जन्मजात हृदय दोष वाले नवजात शिशुओं के छोटे, नाजुक हृदय के लिए भी इसे विशेष रूप से उपयुक्त माना जा रहा है।
इस पेसमेकर के बारे में जानने से पहले ये जानना भी जरूरी है कि पेसमेकर का क्या काम है, किन लोगों को इसकी जरूरत होती है और अब तक के पेसमेकर शरीर में कैसे फिट किए जाते थे?
Heart Diseases: पेसमेकर का क्या इस्तेमाल होता है, ये भी जानिए
पेसमेकर एक छोटा सा उपकरण होता है जिसे शरीर में इंप्लांट (प्रत्यारोपित) किया जाता है, ये हृदय को नियमित गति और लय में धड़कने में मदद करता है। इसका उपयोग मुख्य रूप से ऐसे लोगों के इलाज के लिए किया जाता रहा है
जिन्हें एरिथमिया (दिल की धड़कन में अनियमितता) की समस्या होती है। कुछ लोगों के दिल की धड़कन बहुत तेज या बहुत कम हो जाती है, इसे नियमित करने के लिए भी पेसमेकर का इस्तेमाल किया जाता रहा है।
पेसमेकर को आमतौर पर जनरल एनेस्थीसिया के माध्यम से शरीर के भीतर फिट किया जाता है। लीडलेस पेसमेकर, जो छोटे और अधिक कॉम्पैक्ट होते हैं, उन्हें कैथेटर का उपयोग करके सीधे हृदय में डाला जाता है।
Heart Diseases: जरूरत खत्म होने पर खुद ही डिजाल्ब हो जाएगा पेसमेकर
मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक इस नए और छोटे पेसमेकर को एक छोटे, मुलायम, और वायरलेस उपकरण के साथ जोड़ा जाता है, जिसे पेसिंग को नियंत्रित करने के लिए मरीज की छाती पर लगाया जाता है।
इस उपकरण को जैसे ही पता लगेगा कि आपके दिल की धड़कन अनियमित हो रही है, ये तुरंत पेसमेकर को एक्टिव कर देगा। मेडिकल विशेषज्ञों की टीम ने बताया कि इसे ऐसे मरीजों के लिए डिजाइन किया गया है जिन्हें केवल अस्थायी पेसिंग की आवश्यकता होती है। जब इसकी जरूरत खत्म हो जाएगी तो पेसमेकर खुद से डिजाल्ब हो जाएगा।
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