रिम्स को मिल चुका है कब्जा
रांची। 17.82 करोड़ रुपये की लागत से तैयार पावरग्रिड विश्राम सदन रिम्स को हैंडओवर होने के बाद भी वीरान पड़ा है। फिलहाल विश्राम सदन में सिर्फ सुरक्षाकर्मी नजर आते हैं।
रिम्स में प्रतिदिन लगभग तीन हजार मरीजों का उपचार किया जाता है, जिनके साथ उनके परिजन या नजदीकी रिश्तेदार सेवा एवं देखभाल के लिए आते हैं। इस पावरग्रिड विश्राम सदन का निर्माण इसलिए किया गया था कि मरीजों के परिजन कम खर्च में वहां रहकर मरीज का इलाज करा सके।
जानकारी के अनुसार, 11 जुलाई को पावरग्रिड ने विश्राम सदन रिम्स को हैंडओवर कर दिया है। इसकी कागजी प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है। लेकिन अब तक रिम्स ने इसका संचालन शुरू नहीं किया है।
बता दें पावरग्रिड विश्राम सदन का उद्घाटन 9 जुलाई को केंद्रीय विद्युत एवं आवासन और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किया है। वहीं इसका निर्माण सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के तहत पावरग्रिड ने किया है।
विश्राम सदन पूरी तरह से है तैयार
लगभग 5034 वर्गमीटर के निर्मित क्षेत्र में बने पावरग्रिड विश्राम सदन की क्षमता 310 बिस्तरों की है। इस पांच मंजिली इमारत में 50 कमरे हैं।
साथ ही पुरुषों और महिलाओं के लिए 10- 10 शौचालय है। वहीं दिव्यांग के लिए पांच शौचालय बनाए गए हैं।
इसमें रिसेप्शन, डाइनिंग हाल, कैफेटेरिया, किचन, सामूहिक कक्ष, हर फ्लोर पर वॉटर फ्यूरीफायर बाथरूम आदि की सुविधाएं उपलब्ध हैं। विश्राम सदन के सभी कमरे, बेड, मैट्रेस एवं फर्नीचर से सुसज्जित हैं।
छत पर सोलर वाटर हीटर प्लांट लगा है
विश्राम सदन की छत पर सोलर वाटर हीटर प्लांट (5000 लीटर क्षमता) स्थापित किया गया है, जो सभी शौचालयों और बाथरूम से जुड़ा हुआ है। छत पर 600 लीटर/घंटा क्षमता का आरओ प्लांट स्थापित किया गया है।
साथ ही 45,000 लीटर क्षमता वाला ओवरहेड टैंक है। इसके ग्राउंड फ्लोर पर सीढ़ियां और दो लिफ्ट, डाइनिंग हॉल की सुविधा है, जिसमें 80 कुर्सियां होंगी। कैफेटेरिया में 28 कुर्सियां होंगी, वेटिंग हॉल कॉम्प्लेक्स में 4 सोफा, मैनेजर रूम और स्टाफ रूम बनाए गए हैं।
साथ ही रिसेप्शन, फार्मेसी, लॉन्ड्री, दो-दो पुरुष और महिला शौचालय, दिव्यांग शौचालय, 100 लीटर पानी का आरओ प्लांट और वाटर कूलर, ट्यूबवेल बनाये गये हैं।
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