रांची। मानसून आ चुका है। झारखंड में भले ही बारिश कम हुई हो, लेकिन बरसाती फल जामून बाजार में दिखने लगे हैं।
जामून के पेड़ फलों से लदे हैं और बच्चे आसपास मंडराते दिख रहे हैं। बुढ़े पुराने लोग और डॉक्टर भी इस सीजन में जामून जरूर से खाने की सलाह देते हैं। दरअसल जामून कई तरीकों से हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी है।
स्वास्थ्य की दृष्टि से विटामिन सी और आयरन से भरपूर जामून शरीर में न केवल हीमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाता है, बल्कि पेट दर्द, डायबिटीज, गठिया, पेचिस, पाचन संबंधी कई अन्य समस्याओं को ठीक करने में अत्यंत उपयोगी है।
पानी को भी साफ रखती है जामून की लकड़ी
यदि आप अपनी छत पर पानी की टंकी में जामून की लकड़ी डाल देते हैं, तो आप के पानी में कभी काई नहीं जमेगी।
पानी में कीड़े लगने की संभावना भी कम हो जाती है। जामून की लकड़ी से सालो साल तक पानी का शुद्धिकरण होता रहता है।
यदि पानी की टंकी में जामून की लकड़ी पड़ी हो, तो आपके पानी में एक्स्ट्रा मिनरल्स मिलेंगे और उसका टीडीएस बैलेंस रहेगा।
यानी कि जामून हमारे खून को साफ करने के साथ-साथ नदी के पानी को भी साफ करता है और पर्यावरण को भी दूषित होने से बचाता है, जिसका सीधा संबंध हमारे स्वास्थ्य से है।
पेट को भी साफ करता है जामून
डॉक्टरों का कहना है कि साल में कम से कम एक—दो बार कम से कम 5-5 जामून प्रत्येक व्यक्ति को अवश्य खाना चाहिए।
इससे पेट की सफाई हो जाती है। खास तौर पर पेट जानेवाले बाल को जामून साफ कर देता है। दरअसल किसी न किसी प्रकार छोटे मोटे बाल पेट में चले ही जाते ही जाते हैं।
खास तौर पर मकई पका कर खाने के दौरान, तो ऐसे में जामून काफी फायदेमंद हैं, जो फालतू की चीजों को पेट से बाहर निकाल देते हैं।
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