Health:
नई दिल्ली, एजेंसियां। बाजार में मिलने वाले कई फूड प्रोडक्ट्स में मिलावट को लेकर आए दिन खबर आती रहती है। कभी तेल, तो कभी दूध, कभी पनीर तो कभी मसालों में मिलावट।
एक बार फिर इस मामले पर उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने प्रकाश डाला है। उन्होंने देशभर में बिक रहे मिलावटी और नकली पनीर पर मिलावटखोरों को सजा दिलाने की मांग के साथ सीधे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को चिट्ठी लिख दी है।
प्रह्लाद जोशी ने बताया कि नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन पर ऐसी कई शिकायतें आ रही हैं, जिनमें लोगों ने नकली और खतरनाक पनीर से स्वास्थ्य पर असर पड़ने की बात कही है। जोशी ने मांग की है कि सभी पनीर बनाने वाले प्रतिष्ठानों को फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2006 के अनुसार सख्ती से जांचा जाए।
Health: कर्नाटक में खुला सबसे बड़ा राज
कर्नाटक की फूड सेफ्टी टीम ने हाल ही में 163 बिना ब्रांड वाले पनीर सैंपल इकट्ठे किए, जिनमें से सिर्फ चार ही खाने लायक पाए गए। बेंगलुरु में 17 सैंपल लिए गए और उनमें से 15 में ई. कोलाई, साल्मोनेला और नॉन-डेयरी जैसे खतरनाक बैक्टीरिया मिले।
इन सैम्पल्स में पाम ऑयल, स्टार्च, सस्ते दूध के ठोस डिटर्जेंट, यूरिया की मिलावट पाई गई। ये सब मिलावट न सिर्फ पनीर की गुणवत्ता को गिराते हैं, बल्कि सीधे आपकी सेहत पर वार करते हैं।
पिछले साल ‘गोभी मंचूरियन’ को लेकर सख्त हुई थी सरकार
कर्नाटक सरकार ने पिछले साल गोभी मंचूरियन और कॉटन कैंडी में रंग मिलावट पर सख्त एक्शन लेते हुए Rhodamine-B जैसे रंगों को बैन कर दिया था। अब Tartrazine, Carmoisine, और Sunset Yellow जैसे आर्टिफिशियल रंगों पर भी रोक है। इन नियमों के उल्लंघन पर 7 साल की जेल और 10 लाख जुर्माना हो सकता है।
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