रांची। निजी हेल्थ इंश्योरेंस लेनेवाले लोग अब राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स भर्ती होकर यहां के अनुभवी डॉक्टरों की देखरेख में अपना ‘कैशलेस’ इलाज करा सकेंगे।
निजी हेल्थ इंश्योरेंस से जुड़ी देश की बड़ी कंपनियों ने रिम्स प्रबंधन को यह प्रस्ताव दिया है, जिस पर विचार किया जा रहा है। उम्मीद है कि साल 2025 से रिम्स में यह व्यवस्था लागू हो जायेगी।
उसके बाद से हेल्थ इंश्योरेंस के पॉलिसी धारकों को निजी और कॉरपोरेट अस्पतालों की तर्ज पर रिम्स में निजी केबिन, इलाज, सर्जरी, दवाएं, नर्सिंग और रहने-खाने की व्यवस्था मुहैया करायी जायेगी।
होगी एकदम अलग व्यवस्थाः
जानकारी के अनुसार, निजी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों के प्रस्ताव को लेकर रिम्स प्रबंधन योजना बना रहा है। इस पूरी व्यवस्था के नियंत्रण के लिए अलग से मैनेजमेंट टीम, डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की टीम तैयार की जायेगी।
वहीं, हेल्थ इंश्योरेंस के पॉलिसी धारकों का इलाज पेइंग वार्ड में किया जायेगा। इसमें भी पॉलिसी धारक की सुविधा और क्षमता के हिसाब से प्राइवेट केबिन और शेयरिंग रूम आदि की व्यवस्था निर्धारित की जायेगी।
इस संबंध में रिम्स के अधीक्षक डॉ हिरेंद्र बिरुआ ने बताया कि निदेशक की अध्यक्षता में बैठक हुई थी, जिसमें इस पर सहमति बनी है। निजी इंश्योरेंस कंपनियों के साथ-साथ इएसआइ और सरकारी उपक्रमों से भी आग्रह किया गया है
कि वह अपनी रुचि इसमें बतायें। इसके बाद पूरा खाका तैयार कर कॉरपोरेट अस्पतालों की तरह कैशलेस सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी।
कॉरपोरेट अस्पतालों की तर्ज पर बना है रिम्स का पेइंग वार्डः
रिम्स के पेइंग वार्ड को पूरी तरह से कॉरपोरेट अस्पतालों की तर्ज पर बनाया गया है। इसमें हर तरह ही मरीजों और उनके परिजन के लिए रहने के लिए प्राइवेट केबिन, बेड, सोफा, फ्रीज, गीजर और टीवी समेत अन्य सुविधाएं मौजूद हैं।
वर्तमान में पेइंग वार्ड में भर्ती होनेवाले मरीज को प्रतिदिन 1,000 रुपये देने होते हैं। इसमें डॉक्टर और नर्सिंग का चार्ज जुड़ा होता है। हालांकि, जांच और दवाओं का खर्च मरीजों को खुद वहन करना पड़ता है।
इएसआइ के बीमा धारकों को भी मिलेगा पेइंग वार्डः
इएसआइ के बीमा धारकों को भी रिम्स के पेइंग वार्ड की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। फिलहाल यहां इएसआइ के बीमा धारकों का इलाज सामान्य मरीजों के लिए कायम व्यवस्था के तहत ही किया जाता है. नयी व्यवस्था लागू होने के बाद इएसआइ बीमा धारकों का भी रिम्स में कॉरपोरेट अस्पतालों की तर्ज पर गुणवत्तापूर्ण इलाज मिल सकेगा।
आयुष्मान लाभुकों को भी मिलेगा पेइंग वार्ड का लाभः
आयुष्मान योजना के लाभुकों का इलाज भी पेइंग वार्ड में रखकर किया जायेगा। कार्डियोलॉजी और सर्जरी विभाग में आयुष्मान योजना के लाभुक सबसे ज्यादा हैं। यहां हमेशा बेड के लिए मारामारी रहती है।
ऐसे में आयुष्मान योजना के लाभुक को पेइंग वार्ड में शिफ्ट किया जायेगा। इससे आयुष्मान योजना के मरीज बढ़ेंगे और ज्यादा से ज्यादा क्लेम मिल पायेगा।
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