नई दिल्ली, एजेंसियां। इंग्लैंड में एक 16 साल की लड़की लायला खान ने बर्थ कंट्रोल पिल्स लीं और 20 दिन के भीतर ब्रेन में ब्लड क्लॉटिंग होने से उसकी मौत हो गई।
भारत समेत दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में बर्थ कंट्रोल पिल्स ओवर द काउंटर मिल जाती हैं।
इसके लिए डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन की जरूरत नहीं होती है। अगर इन्हें रोज सही समय पर लिया जा रहा है तो ये प्रेग्नेंसी रोकने में 99% तक प्रभावी होती हैं। लेकिन इनके साइड इफेक्ट्स भी बहुत ज्यादा हैं। कुछ मामलों में ये घातक साबित हो सकते हैं। इसलिए इन्हें इस्तेमाल करने से पहले सामान्य जानकारी आवश्यक है।
बर्थ कंट्रोल पिल्स क्या हैं और कैसे काम करती हैं?
बर्थ कंट्रोल पिल्स एक तरह की ओरल गर्भ निरोधक हैं। इसमें हॉर्मोन का उपयोग करके प्रेग्नेंसी रोकी जाती है। इनमें आमतौर पर एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्ट्रॉन हॉर्मोन होते हैं। हालांकि, अब प्रोजेस्ट्रॉन और एस्ट्रोजेन की अलग-अलग हॉर्मोन्स वाली पिल्स भी आने लगी हैं। प्रेग्नेंसी से बचने के लिए इसे नियमित रूप से रोज एक ही समय पर खाना होता है।
बर्थ कंट्रोल पिल्स से यूटेरस में निम्न बदलाव आते हैः
• इसके कारण अंडाशय से एग्स निकलना कम हो जाते हैं या रुक जाते हैं।
• सर्वाइकल म्यूकस इतना गाढ़ा हो जाता है कि स्पर्म का एग तक पहुंच पाना बहुत मुश्किल हो जाता है।
• यूटेरस की परत इतनी पतली हो जाती है कि फर्टिलाइज्ड एग वहां डेवलप ही नहीं हो पाता।
बर्थ कंट्रोल पिल्स लेने से पहले इन बातों का रखें ध्यानः
बर्थ कंट्रोल पिल्स कभी भी डॉक्टर की सलाह के बगैर मेडिकल स्टोर से खरीदकर न खाएं।
बर्थ कंट्रोल पिल्स को सीधे मेडिकल स्टोर से खरीदा जा सकता है। इन गोलियों के लिए मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन भी अनिवार्य नहीं है। लेकिन इसका अर्थ ये नहीं है कि हम बिना डॉक्टरी सलाह के इसे खुद खरीदकर खा लें।
ये गोलियां लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें और हर 6 महीने में एक बार कंसल्ट करते रहें।
अगर कोई महिला रेगुलर बर्थ कंट्रोल पिल्स ले रही है और बीच में कोई हेल्थ कंडीशन बनती है तो ऐसे में डॉक्टर से मिलकर यह जानना जरूरी है कि इस कंडीशन में ये गोलियां खाना कितना सेफ है।
इसके अलावा अगर लगातार तेज सिर दर्द, चक्कर, उल्टियां वगैरह की प्रॉब्लम्स हों तो दवा खाना बंद कर दें और तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
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