रांची। झारखंड हाईकोर्ट ने स्विटजरलैंड निवासी नागरिक मार्क रीडी के खिलाफ रांची के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) द्वारा जारी किया गया समन खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि समन जारी करने के लिए सीधे CJM की अदालत का दरवाजा खटखटाना कानूनी दृष्टिकोण से सही नहीं था।
आरोप और शिकायत
मार्क रीडी के खिलाफ किशोर एक्सपोर्ट्स के मालिक दीपक अग्रवाल ने शिकायत की थी। इस शिकायत में आरोप लगाया गया कि रीडी और उनकी कंपनी WINC के कर्मचारियों ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 419 (छल), 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), और 471 (जाली दस्तावेज़ का उपयोग) के तहत अपराध किए हैं।
मार्क रीडी के खिलाफ दीपक अग्रवाल ने धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप लगाए थे। रीडी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर समन को रद्द करने की मांग की थी। अदालत ने जांच अधिकारी को गृह मंत्रालय से संपर्क करने का निर्देश देते हुए समन को निरस्त कर दिया।
अपनी याचिका में रीडी ने कहा कि उन्हें जो समन जारी किया गया है, वह बिना किसी कानूनी अधिकार के है और यह भारत और स्विटजरलैंड के बीच की पारस्परिक कानूनी सहायता संधि के अनुरूप नहीं है।
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