हजारीबाग। हजारीबाग में रामनवमी महासमिति के पूर्व अध्यक्ष मंजीत यादव की हत्या हो गई है। उन्हें दिनदहाड़े गोली मार दी गई। उन्हें आवाज देकर घर से बुलाया गया और दो स्कूटी पर सवार चार अज्ञात अपराधियों ने उनपर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी। इस हत्या के बाद से ही पूरा शहर दहशत में है।
गोली मारने के बाद सभी अपराधी फरार हो गए। परिजनों और आसपास के लोगों ने मंजीत को आरोग्य अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।परिजन जल्द से जल्द अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
घटना के बाद जगह-जगह पुलिस छापेमारी कर रही है, लेकिन अब तक पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा है। पुलिस घटनास्थल के आसपास में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को भी खंगाल रही है, ताकि अपराधियों की पहचान हो सके।
वहीं मंजीत यादव हत्याकांड को लेकर हजारीबाग के एसपी अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि प्रथम दृष्टया जमीन और पैसे के लेन-देन का मामला लगता है।
मामले में विवेक सोनी नामक शख्स को हिरासत में लिया गया है। सीसीटीवी में जिसका चेहरा सामने आया है उसकी पहचान नहीं हो सकी है। पुलिस मामले की तफ्तीश कर रही है। बहुत जल्द घटना का खुलासा किया जाएगा।
बता दें कि मंजीत यादव की पत्नी सुनीता देवी वार्ड पार्षद हैं। मंजीत यादव मूल रूप से जमीन के व्यवसाय से जुड़े थे। जमीन के धधे से ही मंजीत की हत्या के तार जुड़े होने की बात रही जा रही है।
पुलिस भी इसी एंगल पर जांच को आगे बढ़ा रही है। पुलिस को अंदेशा है कि एक ही जमीन को बार-बार बेचे जाने से जुड़ा मामला भी हो सकता है। मंजीत ने एक बार आजसू पार्टी की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था।
साथ ही हजारीबाग के प्रसिद्ध रामनवमी शोभा यात्रा और अन्य कई सामाजिक कार्यों में वह बढ़-चढ़कर भाग लेते थे। इस कारण मंजीत यादव की हत्या हजारीबाग में चर्चा का विषय बन गयी है।
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