Hazaribagh DC-SP:
हजारीबाग। हजारीबाग में “हूल दिवस” की 170वीं वर्षगांठ पर वीर सपूतों सिद्धो-कान्हू को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। डीसी शशि प्रकाश सिंह एवं एसपी अंजनी अंजन ने पीडब्ल्यूडी चौक स्थित सिद्धो-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर जिले के वरीय पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में आम नागरिक भी मौजूद रहे।
Hazaribagh DC-SP:यह महज विद्रोह नहीं, आजादी की अलख जगानेवाला आंदोलन थाः
डीसी ने कहा कि “30 जून 1855 को सिदो-कान्हू ने अंग्रेजों के खिलाफ ‘हूल विद्रोह’ का बिगुल फूंका था। यह केवल एक विरोध नहीं, बल्कि आज़ादी की अलख जगाने वाला ऐतिहासिक आंदोलन था। उनका बलिदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का स्वर्णिम अध्याय है, जो आज भी अन्याय के खिलाफ खड़े होने की प्रेरणा देता है।” उन्होंने कहा, “हूल दिवस हमें सामाजिक एकता, समरसता और आत्मसम्मान के मूल्यों को जीवित रखने की प्रेरणा देता है। यह दिन चांद-भैरव, फूलो-झानो जैसे अमर सेनानियों के आदर्शों को आत्मसात करने का अवसर भी है।”
Hazaribagh DC-SP:हूल दिवस के इतिहास की जानकारी दी गईः
इस मौके पर विभिन्न वक्ताओं ने हूल विद्रोह के इतिहास पर प्रकाश डाला और आदिवासी समाज के योगदान को रेखांकित किया। कार्यक्रम को गरिमामय और प्रेरणादायक रूप में मनाया गया, जिसमें जनमानस को आज़ादी के संघर्ष में आदिवासी समुदाय की भूमिका से अवगत कराया गया।
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