लखनऊ, एजेंसियां। भोले बाबा का असली नाम सूरज पाल है। वह एटा का रहने वाला है। करीब 25 साल से सत्संग कर रहा है।
पश्चिमी UP के अलावा राजस्थान, हरियाणा में भी अनुयायी हैं। बता दें कि भोले बाबा का एक और नाम नारायण साकार हरि है।
नारायण साकार हरि एटा जिले की पटयाली तहसील के गांव बहादुर नगरी के रहने वाले हैं। उन्होंने 26 साल पहले सरकारी नौकरी छोड़कर प्रवचन शुरू किया था।
खुद को गुप्तचर विभाग का पूर्व कर्मचारी बताया थाः
बाबा ने अपने प्रवचन में बताया था कि वे गुप्तचर ब्यूरो में नौकरी करते थे। साकार विश्व हरि भोले बाबा के अनुयायी पश्चिम उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और उत्तराखंड में ज्यादा हैं।
नारायण साकार हरि की शुरुआती पढ़ाई एटा से ही हुई है। जिसके बाद इंटेलिजेंस ब्यूरो की नौकरी लगी।
काफी समय तक नौकरी करते रहे, इसके बाद 1990 में उन्होंने नौकरी से इस्तीफा देकर आध्यात्म का रास्ता अपनाया।
सफेद सूट, टाई और जूता पहनते हैः
आध्यात्मिक जीवन में आने के बाद अपना नाम बदल लिया और साकार विश्वहरि रख लिया। उनकी पत्नी भी समागम में साथ रहती हैं।
नारायण साकार किसी अन्य बाबा की तरह भगवा पोशाक नहीं पहनते। वह अपने सत्संग में सफेद सूट, टाई और जूते में नजर आते हैं।
कई बार कुर्ता-पजामा और सिर पर सफेद टोपी भी लगाकर सत्संग करने पहुंचते हैं।
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