भारतीय दूतावास के 190 कर्मचारी बांग्लादेश से लौटे
ढाका, एजेंसियां। बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे चुकीं शेख हसीना अभी भारत में ही रहेंगी।
उनके बेटे वाजेद जॉय ने जर्मन वेबसाइट DW को बताया कि हसीना का कहीं और जाने का फिलहाल कोई प्लान नहीं है। उन्होंने किसी देश से राजनीतिक शरण नहीं मांगी है।
हसीना के पार्टी के लोगों पर हो रहे हमले
दूसरी तरफ, बांग्लादेश में हसीना की पार्टी अवामी लीग और उनके सहयोगी दलों से जुड़े करीब 29 नेताओं की हत्या कर दी गई।
बांग्लादेशी एक्टर शान्तो खान और उनके पिता सलीम खान को भी भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला। सलीम अवामी लीग पार्टी से जुड़े थे।
भारतीय अधिकारी लौटे
बांग्लादेश में सुरक्षा कारणों के चलते वहां से भारतीय के दूतावास के 190 कर्मचारियों को निकाला गया है।
वहीं बांग्लादेश में आंदोलन का नेतृत्व करने वाले स्टूडेंट्स की सिफारिश के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया।
पड़ोसी देश में हिंसा के बीच शेख हसीना ने 5 अगस्त को बांग्लादेश छोड़ दिया था। वह मिलिट्री एयरक्राफ्ट से भारत आई थीं। फिलहाल उन्हें सेफ हाउस में रखा गया है।
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