नई दिल्ली,एजेंसियां। दुनियाभर में कई मोर्चों पर जंग हो रही है। एक तरफ जहां इजराइल और हमास के बीच जंग जारी है, तो वहीं दूसरी तरफ रूस और यूक्रेन आपस में दो साल से लड़ रहे हैं। इन दोनों देशों में से कोई भी देश झुकने को तैयार नहीं है।
इस बीच दो दुश्मनों से घिरे भारत ने वायुसेना को और मजबूत करने का फैसला किया है।
सूत्रों के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय की ओर से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से 97 तेजस लड़ाकू विमान खरीदने का कॉन्ट्रैक्ट दिया है।
रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना के लिए 97 हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए एमके-1ए) तेजस खरीदने का कॉन्ट्रैक्ट दिया है।
यह कॉन्ट्रैक्ट एयरोस्पेस क्षेत्र की प्रमुख सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को दिया गया है। इन लड़ाकू विमानों की अनुमानित कीमत लगभग 67 हजार करोड़ रुपये बताई जा रही है।
तेजस की खासियत
- तेजस विमान की बात करें तो यह हवाई युद्ध और आक्रामक हवाई सहायता मिशनों के लिए काफी अहम है,
- जहाज-रोधी और टोही अभियान तेजस को और खास बनाता है,
- तेजस लड़ाकू विमान में इजरायली रडार,
- एक साथ 10 टारगेट को ट्रैक कर, हमला करने में सक्षम,
- टेकऑफ के लिए ज्यादा बड़े रनवे की जरूरत नहीं।
सूत्रों की मानें तो नवंबर में रक्षा अधिग्रहण परिषद ने भारतीय वायु सेना के लिए 97 और तेजस विमान खरीदने की परियोजना को स्वीकृति प्रदान किया था।
भारत के दो पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन की टेढ़ी नजर हमेशा भारत पर बनीं रहती है। यही वजह है कि सरकार सेना को और मजबूत करने की निरंतर प्रयास कर रही है।
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