घोड़े पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा
रांची। आषाढ़ माह में होने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। यह नवरात्रि तंत्र साधना के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।
गुप्त नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के साथ 10 महाविद्याओं (मां धूमावती, मां बगलामुखी, मां काली, मां तारा, मां त्रिपुर सुंदरी, मां भुवनेश्वरी, मां छिन्नमस्ता, मां त्रिपुर भैरवी, मां मातंगी, मां कमला) की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
इस बार गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 6 जुलाई को कलश स्थापना से हुई और 15 जुलाई को इसकी समाप्ति होगी।
ज्योतिषाचार्यो के अनुसार इस बार घोड़े पर सवार होकर मां दुर्गा आ रही हैं। घट स्थापना 6 जुलाई को की गई।
इस दिन अमृत सिद्धि योग का निर्माण हो हुआ, जो शुभ फल प्रद है। आषाढ़ माह की चतुर्थी तिथि में वृद्धि होने से नवरात्र 10 दिनों तक चलेगा।
तंत्र साधना के लिए अच्छा अवसर
पंडित रमेश द्विवेदी ने बताया कि वर्ष में 4 बार नवरात्रि होती है, जिसमें माघ व आषाढ़ मास की नवरात्रि को गुप्त नवरात्र के नाम से जाना जाता है।
उन्होंने कहा कि तंत्र साधना के लिए गुप्त नवरात्रि को एक अच्छा अवसर माना जाता है। ज्योतिषों के अनुसार आषाढ़ गुप्त नवरात्रि में गृहस्थ जीवन में रहने वालों को देवी शक्ति के 32 अलग-अलग नामों का जाप करना चाहिए।
धार्मिक ग्रंथो का पाठ करना चाहिए
साथ ही धार्मिक ग्रंथों का पाठ करना चाहिए। यह सभी समस्याओं को समाप्त करता है। वहीं, ज्योतिषाचार्य शुभम कुमार शास्त्री ने बताया कि इस नवरात्र में अगर किसी तरह का जप अनुष्ठान करते हैं, तो फल चार गुना मिलता है।
उन्होंने कहा कि अपने घर में सरसों तेल का दीपक जलाएं और उस दीपक में तीन लॉन्ग डाल दें। इस उपाय से नकारात्मक शक्ति दूर हो जाएगी।
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