GST 2.0:
नई दिल्ली, एजेंसियां। SBI रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार द्वारा अक्टूबर 2025 में लागू किए जाने वाले GST 2.0 रिफॉर्म से सरकार को सालाना लगभग 85,000 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा हो सकता है। हालांकि, इस बदलाव से देश की खपत में लगभग 1.98 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि होगी, जिससे आर्थिक गतिविधियों को मजबूती मिलेगी और GDP में 0.6 प्रतिशत तक उछाल आने का अनुमान है।
GST 2.0 की खासियत
दो टैक्स स्लैब: 5% और 18%
पुराने 2% और 28% स्लैब को हटाया जाएगा
रोजमर्रा की जरूरी वस्तुएं जैसे FMCG, सीमेंट, छोटी कारें, एयर कंडीशनर आदि सस्ते होंगे
कुछ विशेष वस्तुओं जैसे पान मसाला, तंबाकू, ऑनलाइन गेमिंग पर 40% तक टैक्स रहेगा
सरकार को नुकसान, उपभोक्ताओं को फायदा:
रिपोर्ट के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के दूसरे हाफ में (अक्टूबर 2025 से मार्च 2026 तक) सरकार को लगभग 45,000 करोड़ रुपये का घाटा हो सकता है। फिर भी, उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें घटने से महंगाई दर में कमी आएगी और CPI मुद्रास्फीति में 20-25 बेसिस पॉइंट तक की गिरावट हो सकती है।
आर्थिक मजबूती और विकास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर GST में सुधारों का संकेत दिया था। SBI की रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि इस बदलाव से घरेलू खपत बढ़ेगी और देश की अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार मिलेगी।
आगे की प्रक्रिया
सरकार इस प्रस्ताव पर राज्यों के वित्त मंत्रियों से चर्चा कर रही है। यदि राज्यों की सहमति मिलती है, तो इसे आगामी GST काउंसिल की बैठक में रखा जाएगा।यह कदम भारत के GST ढांचे को सरल और प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जो आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा, भले ही इसके चलते सरकार को कुछ राजस्व का नुकसान हो।
इसे भी पढ़ें