लंदन : लंदन के वेस्टमिंस्टर एबे में शनिवार को सुर और साज से सजे भव्य समारोह में पारंपरिक रस्म के साथ चार्ल्स तृतीय को आधिकारिक रूप से शाही ताज पहनाया गया।
उनकी मां, महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की 70 वर्ष पहले की गई यादगार ताजपोशी की तरह यह समारोह भी आयोजित किया गया।महाराजा चार्ल्स तृतीय को आधिकारिक रूप से सेंट एडवर्ड का ताज पहनाया गया। करीब हजार वर्ष पुरानी धार्मिक रस्म की शुरुआत चार्ल्स तृतीय द्वारा कैंटरबरी के आर्चबिशप के समक्ष पद की शपथ लेने के साथ शुरू हुई।
इसमें ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक द्वारा एक धार्मिक ग्रंथ पढ़ा जाना भी शामिल है।धार्मिक समारोह में चार्ल्स और उनकी पत्नी कैमिला द्वारा पद की साथ-साथ शपथ लेने के लिए ईश्वर को साक्षी मानते हुए सांकेतिक रूप से फिर से विवाह करना भी शामिल है।
चार्ल्स की ताजपोशी के दौरान उपयोग में लाये गये राज सिंहासन को महाराजा जॉर्ज षष्ठम और महारानी एलिजाबेथ के राज्याभिषेक के लिए मई 1937 में निर्मित किया गया था। हिंदू, सिख, मुस्लिम, बौद्ध और यहूदी समुदायों के प्रतिनिधियों ने चार्ल्स की ताजपोशी से पहले एबे में एक जुलूस निकाला। कार्यक्रम में भारत की ओर से उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सपत्नीक शिरकत की।