चंडीगढ़, एजेंसियां। पंजाब की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार को राष्ट्रपति से झटका लगा है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पंजाब यूनिवर्सिटी कानून संशोधन बिल 2023 को खारिज कर दिया। पहले की तरह पंजाब के गवर्नर ही यूनिवर्सिटीज के चांसलर रहेंगे।
गवर्नर ने बिल को मंजूरी नहीं दी थी। जिसके बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट चल गई। इसके बाद गवर्नर ने बिल राष्ट्रपति को भेज दिया। हालांकि अब राष्ट्रपति ने इसे खारिज कर दिया।
बिल के तहत राज्य की 12 स्टेट यूनिवर्सिटी के चांसलर की शक्ति गवर्नर से लेकर मुख्यमंत्री को दी थी। फिलहाल सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
गवर्नर ने सत्र को गैर कानूनी बताया
पंजाब सरकार ने 20-21 जून 2023 में विधानसभा का स्पेशल सेशन बुलाया था। राजभवन की तरफ से राज्य सरकार को लेटर भेजा गया था। जिसमें बुलाए गए सत्र को गैरकानूनी बताया था।
साथ ही इसके अधीन पास किए जाने वाले कामकाज को शून्य की श्रेणी में रखने की जानकारी दी गई। गवर्नर के लेटर के बाद भी सरकार ने सेशन बुलाया।
सेशन में 4 बिलों के साथ पंजाब यूनिवर्सिटी संशोधन बिल 2023 भी सर्वसम्मति से पास किया गया।
सरकार इस बिल के जरिए सरकारी यूनिवर्सिटी की पावर गवर्नर से लेकर मुख्यमंत्री को देना चाहती है। इसके बाद सरकार ने बिल पास कराने के लिए गवर्नर को भेज दिए थे।
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