Mamata government:
कोलकाता, एजेंसियां। पश्चिम बंगाल के गवर्नर आनंद बोस ने ममता बनर्जी सरकार द्वारा लाए गए अपराजिता बिल को राज्य सरकार को लौटा दिया है। राजभवन के सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने इस बिल पर गंभीर आपत्ति जताई है।
केंद्र का कहना है कि यह बिल भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई धाराओं में बदलाव करता है और इसमें दुष्कर्म जैसे अपराधों में बहुत सख्त सजा का प्रावधान है। इस बिल को 6 सितंबर 2024 को राज्यपाल ने राष्ट्रपति के पास भेजा था, हालांकि तभी गवर्नर बोस ने बिल में कई खामियों की बात कही थी।
डॉक्टर रेप-मर्डर के बाद बना कानूनः
दरअसल, 9 अगस्त 2024 को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर के बाद राज्य सरकार पर महिला सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे थे। ममता सरकार ने 3 सितंबर 2024 को पश्चिम बंगाल विधानसभा में एंटी-रेप बिल पेश किया था। इसके तहत पुलिस को रेप केस की 21 दिन में जांच पूरी करनी होगी।
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