Mamta Banerjee:
कोलकाता, एजेंसियां। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर कड़े आरोप लगाते हुए कहा है कि देश में Special Identification Register (SIR) के माध्यम से NRC लागू किया जा रहा है। उन्होंने बीरभूम में आदिवासी दिवस कार्यक्रम के दौरान कहा कि यह प्रक्रिया नामों को हटाने की साजिश का हिस्सा है। ममता ने लोगों से अपील की कि वे बिना पूरी जानकारी के कोई फॉर्म न भरें।
ममता का सवाल
ममता ने बिहार में SIR प्रक्रिया के तहत 2004 के बाद जन्मे लोगों से उनके माता-पिता का जन्म प्रमाण पत्र मांगने पर भी सवाल उठाए और कहा कि क्या सभी के पास ऐसे प्रमाण पत्र होते हैं। उन्होंने कहा कि जब वह सत्ता में आई थीं, तब केवल 60 प्रतिशत लोगों के पास ही जन्म प्रमाण पत्र था। इसके अलावा, उन्होंने अधिकारियों को निलंबित करने की प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े किए, जिसे चुनाव शुरू होने से पहले लागू किया गया था।
ममता ने बंगाली भाषा को लेकर किया तीखा प्रहार
ममता ने बंगाली भाषा के अपमान पर भी तीखा प्रहार किया। उन्होंने दावा किया कि बंगाली भाषा का नाम खत्म करने की कोशिश हो रही है, जबकि यह एक पारंपरिक और समृद्ध भाषा है। उन्होंने 1912 के एक 10 रुपये के नोट की तस्वीर दिखाकर यह भी बताया कि उस समय नोट पर बंगाली भाषा भी लिखा होता था। ममता ने कहा, “रवींद्रनाथ ठाकुर भी बंगाली भाषा बोलते थे।”
तृणमूल कांग्रेस
उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस पहले भी विदेशी राज्यों में बंगाली भाषियों के उत्पीड़न और भाषा के अपमान के खिलाफ आवाज उठाती रही है। ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर जोरदार विरोध जताते हुए झारग्राम में तीन किलोमीटर पैदल मार्च भी किया था। उनके इन बयानों से केंद्र सरकार पर NRC लागू करने और भाषा नीति को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
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