रांची। आम बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने कहा कि इस बजट में रोजगार के लिए जो प्रयास किए गए हैं उनकी मैं सराहना करता हूं। लेकिन इस बजट में उन लोगों के लिए कुछ नजर नहीं आता है, जो हाशिए पर हैं।
गरीबों के लिए भी बजट में कुछ नहीं है। ज्यां द्रेज ने कहा कि इस बजट में जो सबसे बड़ी कमी है, वो है बच्चों के बारे में वित्तमंत्री ने अपने भाषण में कुछ भी नहीं कहा है। बच्चों के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया जाना, मेरी समझ से सरकार की बड़ी गलती है।
कार्यस्थल पर महिला श्रम की भागीदारी बढ़ाने के प्रयास
बजट में महिला सशक्तीकरण के लिए सरकार ने तीन लाख करोड़ रुपए का फंड दिया है। सरकार की कोशिश यह है कि कार्यस्थलों पर महिला श्रम की भागीदारी बढ़ाए जाए।
इसके लिए सरकार ने वर्किंग वूमेन के लिए हॉस्टल और उनके बच्चों के लिए क्रेच खोलने की बात कही है।
साथ ही महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए उन क्षेत्रों को भी चिह्नित किया गया है, जहां महिलाएं योगदान ज्यादा देती हैं, यह तो वर्ग विशेष के विकास की बात है।
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