नई दिल्ली, एजेंसियां। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने राज्यसभा में बताया कि अचानक हो रही मौत का कारण कोविड पैक्सीन नहीं है। उन्होंने बताया कि ICMR द्वारा किए गए एक स्टडी में यह सामने आया है
कि कोरोना वैक्सीन लेगवाने से भारत में युवाओं और वयस्कों में अचानक मौतों का खतरा नहीं बढ़ रहा है। ICMR के अध्ययन से यह साफ हुआ है कि वैक्सीनेशन से इस तरह की मौतों की संभावना कम हो जाती है।
इस अध्ययन का उद्देश्य यह संदेह दूर करना था कि पिछले कुछ सालों में कोरोना टीकाकरण के बाद युवाओं और वयस्कों की असामयिक मृत्यु का कोई संबंध था।
18 राज्यों और 47 अस्पतालों में हुआ रिसर्चः
ICMR ने 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों में यह रिसर्च की। इसमें 18-45 वर्ष की उम्र के स्वस्थ व्यक्तियों को शामिल किया गया, जिनकी अचानक मृत्यु हो गई थी।
अध्ययन के दौरान 729 मामलों को सैंपल के रूप में लिया गया, जिनकी अप्रत्याशित मौत हो गई थी, जबकि 2916 मामलों को बचाया गया था, जिन्हें हार्ट अटैक के बाद पुनर्जीवित किया गया था।
रिसर्च में यह भी आया सामनेः
ICMR के अध्ययन में यह पाया गया कि कोविड-19 वैक्सीन की एक या दो खुराक लेने से अचानक मृत्यु के जोखिम में कमी आई है। अधिकारियों ने अध्ययन के दौरान यह भी पाया कि कुछ विशेष कारण अचानक मौतों के जोखिम को बढ़ाते हैं।
इनमें अस्पताल में कोविड-19 का इलाज कराना, परिवार में किसी और की अचानक मृत्यु का इतिहास, अत्यधिक शराब का सेवन, ड्रग्स का इस्तेमाल और मृत्यु से पहले अत्यधिक शारीरिक गतिविधि (जैसे जिम में अत्यधिक व्यायाम) शामिल हैं।
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