चाईबासा। पश्चिमी सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी गीता कोड़ा को ग्रामीणों ने पारंपरिक हथियार तीर-धनुष, तलवार, लाठी-डंडे के साथ घेर घेर कर बंधक बना लिया था।
वो रविवार को गम्हरिया प्रखंड के मोहनपुर में जनसंपर्क अभियान के तहत पहुंची थीं। इस दौरान लोगों ने सांसद को बंधक बना लिया और धक्का मुक्की की।
आज गीता कोड़ा ने इस मामले में अपना बयान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि मेरी हत्या करने की योजना थी। वहां मेरी हत्या हो सकती थी।
उन्होंने बताया कि भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ वह वहां पहुंची थीं, लेकिन लोगों ने उन्हें गांव में घुसने से रोक दिया।
जब उन्होंने दूसरे रास्ते से गांव में एंट्री की तो एक ट्रैक्टर और 10 बाइक पर करीब 50 लोग वहां पहुंचे।
गीता के मुताबिक वे झामुमो समर्थक थे। यहां भाजपा-झामुमो समर्थक आपस में भिड़ गए। उन्होंने समझाने की कोशिश की तो उनके खिलाफ नारेबाजी शुरू हो गई।
भाजपा समर्थकों ने भी गीता के समर्थन में नारे लगाए। इसके बाद दोनों ओर से धक्का-मुक्की और मारपीट हुई।
इसमें गीता के पीए गणेश, भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष रश्मि साहू, गणेश महाली, अमित सिंह आदि घायल हो गए।
गीता कोड़ा ने कहा कि मेरी हत्या हो सकती थी। करीब ढाई घंटे बाद सरायकेला एसडीओ, गम्हरिया के बीडीओ-सीओ और थाना प्रभारी पहुंचे।
गीता कोड़ा को वहां से निकाला। सूचना मिलते ही पूर्व सीएम मधु कोड़ा भी चाईबासा से गम्हरिया थाना पहुंचे।
रश्मि साहू की शिकायत पर झामुमो के गम्हरिया प्रखंड और पंचायत स्तरीय 7 कार्यकर्ताओं के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई है।
इस मामले में गीता कोड़ा ने कहा कि मैं सीएम चंपाई सोरेन के विधानसभा क्षेत्र सरायकेला के मोहनपुर गांव में जनसंपर्क अभियान के लिए पहुंची थी।
झामुमो कार्यकर्ताओं ने दूसरे गांव से आकर विरोध किया। सभी पारंपरिक हथियारों से लैस थे। मुझ पर हमला करने की नीयत से वे मोहनपुर गांव पहुंचे थे।
उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की, जिसमें चार-पांच लोग घायल हो गए हैं। ग्रामीणों ने हमें दो घंटे से ज्यादा समय तक बंधक बनाए रखा।
पुलिस को घटना की सूचना दी गई, लेकिन पुलिस अधिकारी दो घंटे बाद गांव पहुंचे। इस बीच मेरी हत्या भी हो सकती थी।
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