Supreme Court:
रांची। सेना के कब्जे वाली बरियातू जमीन की खरीद-बिक्री से जुड़े चर्चित मामले में जेल में बंद रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन को 29 महीने बाद राहत मिल गई। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद वे बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार, होटवार से रिहा हुए। रिहाई के समय का दृश्य काफी भावनात्मक रहा। उनकी पत्नी मिठाई लेकर जेल के बाहर पहुंचीं और रिहाई के बाद पति को मिठाई खिलाई। जहां गिरफ्तारी के वक्त उनके चेहरे पर निराशा थी, वहीं अब उनके चेहरे पर सुकून और राहत साफ झलक रही थी।
क्या है मामला ?
छवि रंजन को 4 मई 2023 को ईडी ने गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने बरियातू स्थित सेना के कब्जे वाली जमीन की खरीद-बिक्री में अनियमितता बरती। लंबे कानूनी संघर्ष के बीच उन्होंने लगभग 880 दिन जेल में बिताए। उनकी जमानत याचिका पहले ईडी कोर्ट और झारखंड हाईकोर्ट द्वारा खारिज की गई थी। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन (SLP) दाखिल की, जिसे 10 अक्टूबर 2025 को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाला बागची की बेंच ने शर्तों के साथ मंजूरी दी।जमानत प्रक्रिया में छवि रंजन की ओर से ईडी के स्पेशल जज योगेश कुमार की अदालत में मुचलका और सुप्रीम कोर्ट की शर्तों के पालन का लिखित आश्वासन दाखिल किया गया। इसके साथ ही दो जमानतदार और संबंधित दस्तावेज कोर्ट में प्रस्तुत किए गए।
रिहाई के समय
रिहाई के समय छवि रंजन के चेहरे पर सुकून और आंखों में राहत साफ दिखाई दी। परिवार के साथ पुनर्मिलन और कानूनी जटिलताओं से राहत पाने के बाद अब वे नई शुरुआत की ओर बढ़ सकते हैं। इस मामले ने रांची और झारखंड में काफी ध्यान आकर्षित किया था और उनकी रिहाई के बाद इलाके में हल्का उत्साह और राहत का माहौल देखा गया।
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