कोलकाता, एजेंसियां: CBI ने शनिवार को दावा किया कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के गिरफ्तार पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष अन्य सह-आरोपियों के साथ मिलकर अनुचित लाभ के लिए आपराधिक गिरोह चला रहे थे।
उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज में कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ी सीबीआई जांच के शुरुआती निष्कर्षों में यह बात सामने आई है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सीबीआई ने इस हफ्ते की शुरुआत में यहां एक स्पेशल कोर्ट के समक्ष भी सुनवाई के दौरान अपने ये निष्कर्ष पेश किए थे।
सीबीआई ने संदीप घोष, उनके सुरक्षा गार्ड और दो वेंडर को सरकारी अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं में कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया था।
CBI की जांच में बड़ा खुलासा
जानकारी के अनुसार, संदीप घोष 2016 से 2018 के बीच मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में तैनात थे।
अधिकारी ने कहा कि सीबीआई की जांच में यह भी पता चला है कि किस तरह संदीप घोष ने अस्पताल के अंदर एक कैफे का ठेका देकर अपने सुरक्षा गार्ड की पत्नी से संबंधित संगठन को लाभ पहुंचाया।
उन्होंने कहा कि ये दोनों वेंडर मुर्शिदाबाद में थे और आरजी कर अस्पताल का प्राचार्य बनने पर संदीप घोष उन्हें कोलकाता ले आए। उन्हें अस्पताल में सामग्री की आपूर्ति के लिए तरजीह दी गई थी।
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